Watch Video: कभी जीवन देती थी, आज मौत बांट रही है यह पवित्र झील

Friday, Apr 21, 2017 - 05:27 PM (IST)

मंडी (नीरज शर्मा): जो झील कभी जीवन देती थी आज वही मौत बांट रही है। जिस झील के पानी को लोग पीना अपना सौभाग्य मानते थे। आज उसी के पास से गुजरने वाले लोग मुहं पर कपड़ा रखकर जा रहे हैं। सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण यह पूरी तरह से डूबने की कगार पर पहुंच चुकी है। इसे सरकार और प्रशासन की नाकामी ही कहा जाएगा कि जीवन बांटने वाली झील आज मौत बांट रही है। मंडी जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर धार्मिक नगरी रिवाल्सर की प्राचीन और पवित्र झील आज पूरी तरह से दषित हो चुकी है। एक वर्ष पहले एनजीटी ने सरकार को झील के मिटते अस्तित्व को लेकर चेताया था लेकिन सरकार नहीं जागी और नतीजा यह निकला कि यहां पनप रहे जीवन को मौत के आगोश में सोना पड़ा। 


झील से ऐसे खत्म होगा प्रदूषण 
झील के तल पर इतनी अधिक मात्रा में गाद जमा हो चुकी है कि इसकी गहराई 15 फीट से भी कम रह गई है। पानी में इतना अधिक प्रदूषण हो चुका है कि झील में ऑक्सीजन की मात्रा रही ही नहीं है, यही कारण है कि सैंकड़ों टन मछलियां मर चुकी हैं। गर्मी के इस मौसम में जिस प्रकार से झील में प्रदूषण अपने चरम पर पहुंचा है, उससे आने वाले समय में इलाके में गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा भी बन गया है। जानकारों का मानना है कि झील के सारे पानी को पहले बाहर निकाल कर जमा हो चुकी गाद को भी हटाना होगा, तब कहीं जाकर झील से प्रदूषण को समाप्त किया जा सकता है।


यह सिलसिला बीते कई वर्षों से जारी था
एडीसी मंडी हरिकेश मीणा ने माना कि झील को बचाने के प्रयास पहले से जारी थे लेकिन उससे पहले ही यहां अचानक यह घटनाक्रम हो गया। रिवाल्सर की प्राचीन झील में प्रदूषण फैलने का सिलसिला कोई आज-कल में शुरू नहीं हुआ है। बल्कि यह बीते कई वर्षों से जारी था। सब कुछ पता होने के बाद भी इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया जिस कारण आज झील की यह हालत हुई है। ऐसे में सवाल यह है कि जब किसी का अस्तित्व मिटने लग जाता है। उसी वक्त उसे बचाने के प्रयास शुरू क्यों किए जाते हैं, पहले इस ओर कोई ध्यान क्यों नहीं देता है।