पार्वती में फैंकी जा रही सैंज की गंदगी, बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ा

Thursday, Jun 06, 2019 - 11:55 AM (IST)

सैंज : एक तरफ पूरे देश में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। भले ही सैंज में भी इस अवसर पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता रैलियां निकालकर तथा अनेक सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों ने कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरण को बचाने के लिए घाटी के लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया हो लेकिन यहां जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। उपतहसील के मुख्य बाजार सैंज की सारी गंदगी पिन पार्वती नदी में बहाई जा रही है। बाजार में सफाई की कोई व्यवस्था न होने के कारण बाजार के बीच से बह रही पिन पार्वती नदी के किनारे गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। घाटी की 15 पंचायतों का मुख्य बाजार होने के चलते यहां रोजाना सैंकड़ों लोग लेन-देन के लिए आते हैं। बाजार में 200 से अधिक दुकानें व ढाबे हैं जिनसे हर दिन निकलने वाला कचरा सीधे नदी में फैंका जाता है।

दूषित जल से फैल रहीं कई बीमारियां

हैरानी की बात है कि जहां देशभर में सम्पूर्ण स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने के लिए अनेक संस्थाओं, सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों सहित अधिकारी व राजनेताओं द्वारा झाड़ू लगाकर संदेश दिया जा रहा है, वहीं सैंज बाजार में उसका कोई असर नहीं दिख रहा है। सफाई की उचित व्यवस्था न होने के चलते लोग सड़क के किनारे कचरा फैंक देते हैं तथा दुकानदार अपनी दुकानों व आसपास से कचरा इकट्ठा कर सीधे नदी के हवाले कर देते हैं जिससे नदी का पानी दूषित होने से किनारे पर बसे बकशाहल, तरेढ़ा, तलाड़ा, खराटला, विहाली व संपागणी सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों द्वारा पानी पशुओं व अन्य उपयोग में लाने से अनेक बीमारियां फैल रही हैं।

व्यापार मंडल की आम सभा में बाजार की सफाई को लेकर अपने स्तर पर सफाई कर्मचारी रखने के लिए लाए गए प्रस्ताव पर सभी दुकानदारों की सहमति न बन पाने के कारण उसे पारित नहीं किया जा सका है। बाजार के कचरा प्रबंधन के लिए प्रशासन से वार्तालाप हुआ है जिसके लिए स्थान का चयन करने के बाद सभी औपचारिकताएं पूरी कर समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है। पार्वती परियोजना से भी कचरा वाहन मुहैया करवाने की पेशकश की है।
 

 

kirti