जवाहर पार्क के जीर्णोद्धार में लाखों का गोलमाल, होगी जांच
Thursday, Sep 26, 2019 - 01:38 PM (IST)
सोलन (ब्यूरो) : जवाहर पार्क के जीर्णोद्धार में लाखों रुपए के कथित गोलमाल की जांच शुरू हो गई है। शहरी विकास सचिव सी. पालरासू ने कड़ा संज्ञान लेते हुए शहरी विकास निदेशक को इस मामले की जांच सौंप दी है। इस कारण नगर परिषद के कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं। नगर परिषद की कथित लापरवाही से सरकारी खजाने को करीब 30 लाख रुपए का चूना लगा है।
नगर परिषद ने जवाहर पार्क के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के लिए एक प्रोजैक्ट शुरू किया था। इसके तहत पार्क में ओपन एयर थिएटर, योगा सैंटर व बास्केटबाल कोर्ट इत्यादि का निर्माण होना था। हैरानी की बात यह है कि लाखों रुपए खर्च कर इस प्रोजैक्ट को अधूरा ही बीच में छोड़ दिया। इस प्रोजैक्ट के लिए पार्क की हरियाली की भी बलि चढ़ा दी।
बास्केटबाल कोर्ट अधूरा छोड़ा
जवाहर पार्क में सिंथैटिक बास्केटबाल कोर्ट का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है। कोर्ट की तारकोल के साथ लैवलिंग की गई है। इसके बाद सिंथैटिक की लेयर होनी थी। बास्केटबाल कोर्ट के पोल जंग से खराब हो रहे हैं। इसके निर्माण पर अभी तक करीब 4 लाख रुपए खर्च हुए हैं।
11 लाख खर्च किए पर ओपन एयर थिएटर नहीं बना
जवाहर पार्क में ओपन एयर थिएटर बनाने की योजना था। इसके लिए करीब 11 से 12 लाख रुपए की लागत से रेन हार्वेस्टिंग टैंक का निर्माण किया गया। इस टैंक के लैंटर के ऊपर थिएटर के स्टेज का निर्माण किया जाना था लेकिन ओपन एयर थिएटर का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ।
इसके निर्माण के लिए कई पेड़ों की बलि भी चढ़ी। मजेदार बात यह है कि रेन हार्वेसिं्टग टैंक बनने के बाद खाली ही है क्योंकि इसमें जवाहर पार्क का बारिश का पानी जाना था लेकिन ओपन एयर थिएटर का निर्माण न होने के कारण टैंक को कनैक्शन ही नहीं हो सका।
योगा सैंटर भी अधूरा
इसी तरह पार्क में एक योगा सैंटर बनना था। इसमें ही एक एक्यूप्रैशर के लिए पाथ बनना था। यह पाथ पत्थरों का था। इसके बीच में लोहे की रेलिंग लगनी थी। यह कार्य भी अधूरा पड़ा है। पार्क में ही पत्थरों का ढेर लगा हुआ है। इसके अलावा नगर परिषद ने पार्क में डंगों के निर्माण पर लाखों रुपए खर्च कर दिए। कई फुट ऊंचे डंगों का निर्माण कर दिया। इसके लिए भी बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए। इतने ऊंचे डंगों की वहां पर आवश्यकता नहीं थी। जवाहर पार्क के जीर्णोद्धार पर सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है। यही कारण है कि लोग इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।