ऊर्जा मंत्री बोले-100 दिन में आबंटित होंगे 2000 मैगावाट क्षमता वाले पावर प्रोजैक्ट

Sunday, Jan 21, 2018 - 09:09 PM (IST)

शिमला: भाजपा सरकार पावर प्रोजैक्ट के आबंटन में तेजी लाएगी। सरकार ने अपने 100 दिन के टारगेट में 2000 मैगावाट क्षमता के प्रोजैक्ट आबंटित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने तय समय अवधि में लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश विभाग को दिए हैं। विभागीय अधिकारी भी लक्ष्य हासिल करने के लिए कसरत में जुट गए हैं। बताया जा रहा है विभाग ने 31 विद्युत परियोजनाओं का आबंटन करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने और अन्य औपचारिकताओं के पूरा होते ही भाजपा सरकार 2000 मैगावाट क्षमता के 31 प्रोजैक्ट का आबंटन कर लेगी। 

पावर पॉलिसी में बदलाव से आएगी प्रोजैक्ट आबंटन में तेजी 
ऊर्जा मंत्री का दावा है कि अरसे से लटके पावर प्रोजैक्ट के आबंटन में तेजी लाने के मकसद से ही पावर पॉलिसी में बदलाव किया जा रहा है। इस पॉलिसी को ओर ज्यादा व्यावहारिक बनाया जाएगा ताकि विद्युत निर्माताओं को प्रोत्साहित किया जा सके। वर्तमान में कई प्रोजैक्ट क्लीयरैंस और पंचायत स्तर पर विवाद के कारण लटके हुए हैं। कुछ प्रोजैक्ट तो आबंटित होने के बाद भी शुरू नहीं हो पा रहे। स्थानीय लोग इन प्रोजैक्ट में अड़चने पैदा कर रहे हैं। हालांकि लोकल एरिया डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (लाडा) के तहत प्रौजेक्ट प्रभावित क्षेत्रों के लिए बजट दिया जाता है। कुछ लोग फिर भी विरोध करते रहते हैं। राज्य सरकार इस तरह की अड़चनें भी दूर करने के दावे कर रही है।

पर्यावरण क्लीयरैंस की पेचीदा शर्तें बन रहीं रोड़ा
पर्यावरण क्लीयरैंस की पेचीदा शर्तों के कारण बीते कुछ साल के दौरान प्रदेश में विद्युत निर्माता प्रोजैक्ट लगाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं हालांकि पूर्व वीरभद्र सरकार ने अपफ्रंट मनी कम करके पावर प्रोड्यूसरों को लुभाने की पहल जरूर की थी लेकिन अपफ्रंट मनी को कम करना स्थायी समाधान नहीं है। प्रोजैक्ट की मंजूरी के नियमों का सरलीकरण करना होगा, क्योंकि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यहां प्रोजैक्ट की लागत ज्यादा है। इसलिए और पावर प्रोड्यूसरों को सुविधाएं प्रदान करनी होगी। पंचायत स्तर के विवाद सरकार को सुलझाने होंगे। 

और व्यावहारिक बनाना होगा सिंगल विंडो सिस्टम 
पावर प्रोजैक्ट लगाने के लिए एक्सपर्ट की कमेटी गठन के साथ-साथ सिंगल विंडो सिस्टम को और व्यावहारिक बनाना होगा। ऐसा करने से प्रदेश में मौजूद करीब 27500 मैगावाट विद्युत क्षमता का दोहन किया जा सकेगा। अभी तक हिमाचल 10,351 मैगावाट बिजली का विभिन्न क्षेत्रों से उत्पादन संभव हो पाया है।