बिजली महादेव मंदिर में रक्षाबंधन के दिन लगा भक्तों का तांता

Monday, Aug 27, 2018 - 11:33 AM (IST)

 

कुल्लू : रक्षाबंधन का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरूआत किसने और कब हुई इसकी कई कहानियां हैं। भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बंधन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। इस दिन केवल बहनें ही भाइयों को राखी बांधें, ऐसा आवश्यक नहीं है। त्यौहार का वास्तविक आनंद पाने के लिए धर्म-परायण होना जरूरी है। इस पर्व में दूसरों की रक्षा के धर्म भाव को विशेष महत्व दिया गया है।

इसी कड़ी में जिला कुल्लू के साथ सटी खराहल घाटी के आराध्य देव बिजली महादेव के मंदिर प्रांगण में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। रक्षाबंधन के इस दिन लगभग सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। इन श्रद्धालुओं में जिला कुल्लू के स्थानीय निवासियों के साथ-साथ ज्यादातर उत्तर प्रदेश व बिहार के भक्त दिखे हैं। बिहार से आए आलोक व पवन ने बताया कि बिहार राज्य में रक्षाबंधन के पर्व के दिन तीर्थ स्थलों और धार्मिक स्थलों पर जाने का रिवाज है। जिस कारण अाज भोले बाबा के दर्शनों को बिजली महादेव आए हैं। मंदिर कमेटी के सदस्य निरत राम नैयर ने बताया कि श्रावण मास के बाद रक्षाबंधन के दिन श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ यहां देखने को मिलती है।  

 

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