बिजली बोर्ड के विघटन के खिलाफ लामबंद हुए कर्मचारी, राज्य स्तरीय आंदोलन का फूंका बिगुल

Thursday, Sep 27, 2018 - 05:28 PM (IST)

मंडी (नीरज): हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड के कर्मचारी बोर्ड के विघटन को लेकर लामबंद हो गए हैं। बोर्ड के विघटन को लेकर कर्मचारियों ने प्रदेश स्तरीय आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है और इसकी शुरूआत हुई है सी.एम. के गृह जिला मंडी से। वीरवार को मंडी जिला के सैंकड़ों कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करके सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बता दें कि वर्ष 2010 में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड का पुर्नगठन हुआ था और 8 वर्षों के बाद अब सरकार इसका विघटन हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड में करने जा रही है। इस बात को लेकर प्रदेश भर में बिजली बोर्ड के कर्मचारी उग्र हो गए हैं।

एच.पी.पी.सी.एल. को सौंपने की तैयारी में सरकार
सरकार 66 के.वी. से लेकर 220 के.वी. तक के सभी सब स्टेशन, लाइन और जैनरेशन/पावर हाऊस एच.पी.पी.सी.एल. को सौंपने की तैयारी में है। इस वक्त एच.पी.एस.ई.बी. के पास 6200 करोड़ के असेट्स हैं जबकि एच.पी.पी.सी.एल. के पास मात्र 2200 करोड़ के असेट्स हैं। अगर सरकार बोर्ड का विघटन एच.पी.पी.सी.एल. में कर देती है तो ये सारे असेट्स इनके पास चले जाएंगे और कर्मचारियों तथा पैंशनरों के भविष्य पर तलवार लटक जाएगी। इसी बात को लेकर कर्मचारियों ने आंदोलन का बिगुल फूंका है।

...तो फिर प्रदेश भर में होगा और उग्र आंदोलन
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बताया कि मंडी से आंदोलन की शुरूआत कर दी गई है और इस आंदोलन को पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड के 23 हजार पेंशनर और हजारों कर्मचारी हैं। यदि बोर्ड का विघटन एच.पी.पी.सी.एल.  में किया गया तो फिर इनका भविष्य अंधकार में चला जाएगा। इन्होंने सरकार को चेताया कि यदि 2010 में हुए एग्रीमैंट के साथ छेड़छाड़ की गई तो फिर प्रदेश भर में और उग्र आंदोलन चलाया जाएगा और संघष को किसी भी हद तक ले जाने में गुरेज नहीं किया जाएगा।

Vijay