बिजली के निजीकरण पर उग्र हुए कर्मचारी, केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

punjabkesari.in Sunday, Oct 04, 2020 - 08:31 PM (IST)

शिमला (राजेश): हिमाचल में बिजली के निजीकरण को लेकर प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लाइज यूनियन व बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार को प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लाइज यूनियन के राज्य पदाधिकारियों की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न हुई, जिसमें राज्य के 22 पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में बिजली कंपनियों के निजीकरण का पुरजोर विरोध किया और उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया।

प्रदेश में काला बिल्ले लगाकर करेंगे विरोध

यूनियन ने फैसला लिया है कि बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी 5 अक्तूबर को पूरे प्रदेश में काला बिल्ले लगाकर विरोध करेंगे और भोजनावकाश में बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव पर कन्वैंशन कर कर्मचारियों व उपभोक्ताओं इससे प्रस्तावित नुक्सान बारे जागरूक करेंगे। उन्होंने हैरानी जताई कि उत्तर प्रदेश सरकार बिजली कंपनियों के निजीकरण में केंद्र सरकार से भी एक कदम आगे है और अपने पूर्वांचल बिजली निगम को निजी हाथों में देने का फैसला कर लिया है जिससे बिजली कर्मचारियों में रोष है।

22 सितम्बर को जारी हुआ स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमैंट

यूनियन के पदाधिकारियों ने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 22 सितम्बर को जारी स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमैंट, जिसमें राज्य सरकारों से 5 अक्तूबर तक प्रतिक्रिया मांगी है, को बिजली कंपनियों के निजीकरण का एक मसौदा करार दिया। यूनियन ने आरोप लगाया कि राज्य बिजली बोर्ड कंपनी के निजीकरण से एक ओर जहां कर्मचारियों की सेवा शर्तें बुरी तरह से प्रभावित होंगी, वहीं इसके लगभग 26,000 पैंशनर्ज की सामाजिक सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। इसका सबसे ज्यादा नुक्सान प्रदेश बिजली उपभोक्ताओं को होगा। एक ओर जहां विद्युत कई गुना महंगी होगी, वहीं दूसरी ओर सबसिडी खत्म कर दी जाएगी।

क्या कहती है यूनियन 

यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह व महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि  प्रदेश के बिजली कर्मचारी 5 अक्तूबर को पूर्वांचल बिजली निगम के निजीकरण के खिलाफ  आंदोलनरत उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के पक्ष में काले बिल्ले लगाकर एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे और केंद्र सरकार द्वारा बिजली कंपनियों के निजीकरण की पहल का विरोध करेंगे। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vijay

Recommended News

Related News