बिजली के भारी-भरकम बिलों को देख उपभोक्ताओं के उड़े होश, लोगों ने दी यह चेतावनी

Thursday, Aug 29, 2019 - 10:59 AM (IST)

बिलासपुर (बंशीधर): जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत विभाग द्वारा विद्युत के 5-6 महीनों के एक साथ भारी-भरकम बिल थमाने से उपभोक्ताओं में भारी रोष व्याप्त हो गया है। विभाग द्वारा दिए गए इन बिलों को देखकर उपभोक्ताओं के होश उड़ गए हैं। जानकारी के अनुसार विभाग ने चांदपुर, बल्ह-बलवाणा व कंदरौर सहित कई पंचायतों के उपभोक्ताओं को पिछले 5-6 महीने के बिल एक साथ दे दिए हैं, जिससे इन बिलों की राशि काफी बढ़ गई है। जिन लोगों को 2 महीने का बिल 300 से 400 रुपए के बीच आता था, उन्हें अब इकट्ठा बिल 1,200 से 1,500 रुपए के बीच आया है, जिस कारण ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को इतनी राशि का बिल एक साथ चुकता करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्राम पंचायत चांदपुर के प्रधान अर्पण गौतम संत, मनोज कुमार, पवन कुमार व ज्ञान चंद आदि ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग दिहाड़ी-मजदूरी का काम करते हैं, ऐसे में उन्हें इतनी राशि का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि महंगाई के इस दौर में जहां आम आदमी के लिए 2 वक्त की रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो गया है, वहीं इतनी बड़ी राशि का बिल कैसे अदा करेंगे। इससे उपभोक्ताओं का सारा बजट बिगड़ जाएगा। उन्होंने कहा है कि एक साथ बिल आने से उपभोक्ताओं को चूना भी लग रहा है। विभाग के टैरिफ प्लान के तहत जहां 100 तक की यूनिट का रेट कम है और इससे ज्यादा यूनिट पर रेट बढ़ता जाता है। 4-6 महीनों का बिल एक साथ आने से प्रति यूनिट के हिसाब से लोगों को बढ़ा हुआ रेट ही लगेगा।

कहने को तो प्रदेश सरकार इस पर अनुदान दे रही है लेकिन एक साथ 5 से 6 महीने का बिल आने से लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि टैरिफ प्लान के तहत विभाग सारा पैसा लोगों से ही वसूल लेता है। उन्होंने बताया कि विभाग मीटर रैंट के नाम पर भी हर महीने 15 रुपए वसूल कर रहा है, जबकि मीटर का सारा पैसा उपभोक्ताओं द्वारा दिया जाता है। दादा के समय लगे मीटरों का पैसा आज पोता दे रहा है। इसी प्रकार विभाग फिक्स्ड चाॢजज के नाम पर और इलैक्ट्रीसिटी ड्यूटी के नाम पर भी हर बिल के साथ उपभोक्ताओं से 200 से लेकर 300 रुपए तक वसूलता है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने मीटर रैंट के नाम पर की जा रही इस कथित लूट-खसूट को बंद न किया और लोगों को 2 माह से ज्यादा का बिल भविष्य में दिया तो ग्रामीण सड़कों पर उतरने से गुरेज नहीं करेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व संबंधित विभाग की होगी।
 

kirti