बिजली बोर्ड के विघटन को लेकर सरकाघाट में जमकर गरजे विद्युत कर्मचारी

Saturday, Oct 06, 2018 - 08:26 PM (IST)

सरकाघाट: बिजली बोर्ड के विघटन व छोटी-छोटी कंपनियां बनाने का मॉडल लोगों को सेवाएं प्रदान करने में बुरी तरह से विफल रहा है। बोर्ड का विघटन करने से न सिर्फ  कर्मचारी व पैंशनरों को बुरे दिन देखने पड़ेंगे बल्कि सरकार को भी 2 हजार करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ेगा। ये शब्द हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लाइज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने सरकाघाट में आयोजित सम्मेलन व धरना-प्रदर्शन के दौरान निकाली गई विरोध रैली को संबोधित करते हुए कहे।

बुरी तरह से प्रभावित होंगी कर्मचारियों की सेवा शर्तें
सरकाघाट ओल्ड बस स्टैंड में जुटी विद्युत बोर्र्ड इम्प्लाइज यूनियन के सैंकड़ों कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा बिजली बोर्ड को कंपनी के तौर पर स्थापित करने और तीनों विंग्स के अलग-अलग हो जाने से बोर्ड के पास 22 करोड़ रुपए का ढांचा रह जाएगा लेकिन इसके साथ ही 2 हजार करोड़ का संचित घाटा भी इसी कंपनी को वहन करना पड़ेगा, ऐसे में प्रदेशभर के 23,000 पैंशनरों की अदायगी बिजली बोर्ड कंपनी के पास रहेगी, ऐसे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पैंशन की अदायगी कंपनी नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की सेवा शर्तें बुरी तरह से प्रभावित होंगी। एक ओर जहां पदोन्नति में ठहराव आएगा, वहीं वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण कर्मचारियों को समय पर वित्तीय लाभ मिलना भी असंभव हो जाएगा।

अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करे सरकार
धरने में उपस्थित अन्य कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मुहिम पर तुरंत रोक लगाए व कर्मचारियों व पैंशनर्ज में पनप रहे संशय के माहौल को दूर करने के लिए शीघ्र बोर्ड के कर्मचारियों व अभियंताओं के संगठनों से वार्ता कर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करे। इस सम्मेलन में संघ के महासचिव हीरा लाल वर्मा, जसमेल ठाकुर, दौलत राणा ए.जी. के दीवान व मदन भारतीय सहित राज्य कार्यकारिणी पदाधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय पदाधिकारियों के सैंकड़ों कर्मचारियों ने भी भाग लिया।

Vijay