धारा-118 से जुड़े केस में चुनाव आयुक्त पी. मित्रा को पूछताछ के लिए किया तलब (Video)

Monday, Sep 17, 2018 - 12:54 PM (IST)

शिमला (राक्टा): धारा-118 से जुड़े 8 साल पुराने केस में विजीलैंस का शिकंजा कसता जा रहा है। ऐसे में पूर्व मुख्य सचिव एवं राज्य चुनाव आयुक्त पी. मित्रा के साथ-साथ कई तत्कालीन अधिकारियों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। सोमवार को जांच एजैंसी ने पूर्व मुख्य सचिव को पूछताछ के लिए तलब किया है। ऐसे में देखना होगा कि वे जांच प्रक्रिया में शामिल होते हैं या नहीं? सूत्रों के अनुसार जांच टीम ने एक प्रश्नावली तैयार की है। इस मामले में अब तक 12 से अधिक लोगों से पूछताछ किए जाने की सूचना है। 

मामले से जुड़े कुछ लोग सरकारी गवाह बनने को भी तैयार हैं। ऐसे में पूछताछ की प्रक्रिया पूरी होते ही जांच एजैंसी आरोपियों के नाम एफ.आई.आर. में नामजद करेगी, ताकि उस आधार पर उनके लाई डिटैक्टर टैस्ट और वॉयस सैंपल लेने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जा सके। धारा-118 की मंजूरी दिलवाने की एवज में घूस लेने से जुड़े इस मामले में कई अधिकारी विजीलैंस के राडार पर हैं। इनमें कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं। विजीलैंस ने इस केस में करीब 7 साल पहले 2 कारोबारियों को ही नामजद किया गया था और इस केस को अंजाम तक पहुंचाने की बजाय खत्म करने की तैयारी कर ली थी। इसी बीच अदालत ने केस की क्लोजर रिपोर्ट रिजैक्ट होने के बाद मामले की जांच फिर शुरू हो चुकी है। 

ऐसे में अब नए सिरे से जांच एजैंसी अफसरों की भूमिका भी जांच कर रही है। जांच एजैंसी धारा-118 के तहत बाहरी लोगों को यहां भूमि खरीदने की विभिन्न अनुमतियों से जुड़ा रिकार्ड खंगाल रही है। भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की छानबीन में कोताही बरतने वाले तत्कालीन अधिकारियों पर भी जांच की आंच आ सकती है। इस मामले में अदालत पहले ही फटकार लगा चुकी है। ऐसे में विजीलैंस हर पहलू को गंभीरता से खंगाल रही है, ताकि पूरे मामले की परतें उधेड़ी जा सकें। सूत्रों के अनुसार राजस्व विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारी भी जांच की जद्द में आएंगे। पूर्व डी.जी. आई.डी. भंडारी यह मामला उठाते आए हैं।

फोन रिकार्डिंग अहम साक्ष्य
सूत्रों के अनुसार विजीलैंस के पास जो फोन रिकार्डिंग है, उसमें धारा-118 के तहत भूमि खरीदने की मंजूरी के लिए लाखों रुपए के लेन-देन का जिक्र है। संबंधित रिकार्डिंग का आधार बनाकर ही जांच एजैंसी ने पूर्व में 2 कारोबारियों को एफ.आई.आर. में नामजद किया था। स्टेट विजीलैंस को वर्ष 2010 में एक शिकायत मिली थी। इसके तहत आरोप लगाया गया था कि बाहरी लोगों को धारा-118 के तहत मंजूरी देने के लिए यहां घूसखोरी का खेल चला हुआ है। ऐसे में जांच एजैंसी ने अपना जाल बिछाया और इसी कड़ी में कुछ लोगों की बातचीत रिकार्ड हुई। 

Ekta