सेब पर दिखने लगा ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का असर, मंडियों में आमद हुई कम

Sunday, Jul 22, 2018 - 08:50 PM (IST)

शिमला: सेब कारोबार पर ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का असर दिखने लगा है। मंडियों में सेब की आमद बहुत कम हो गई है। बागवानों ने सेब के तुड़ान को रोक दिया है। अगस्त के पहले सप्ताह से सेब सीजन रफ्तार पकड़ लेगा। तब तक यदि हड़ताल खत्म नहीं हुई तो करोड़ों के सेब कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा क्योंकि बहुत से बागवानों ने सेब के अच्छे कलर के लिए दवाइयों का छिड़काव कर रखा है। छिड़काव के बाद सेब ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाता है। इस कारण बागवानों की चिंता भी बढ़ती जा रही है। शिमला की भट्ठाकुफर फल मंडी में 3 दिन पहले तक रोजाना 10 से 12 हजार पेटी सेब पहुंच रहा था लेकिन हड़ताल के बाद से डेढ़ से दो हजार पेटी सेब ही मंडी में पहुंच रहा है। राहत की बात यह है कि जितना भी सेब अन्य फल और सब्जी मंडियों में आ रहा है, उसे प्रदेश से बाहर भेजने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आ रही।


किसानों-बागवानों समेत आढ़तियों को सताने लगी चिंता
बता दें कि ट्रांसपोर्टरों ने फिलहाल डेली नीड्स, सब्जियां और फलों की ट्रांसपोर्टेशन को छूट दे रखी है। यही वजह है कि सेब व सब्जियों को हर रोज प्रदेश से बाहरी राज्यों में भेजा जा रहा है। किसानों-बागवानों समेत आढ़तियों को भी यह चिंता सताने लगी है किअगर सरकार जल्द ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का समाधान नहीं निकाला तो आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्टर फल एवं सब्जियां ढोने से भी इंकार कर सकते हैं। इसका नुक्सान सीधे तौर पर किसानों-बागवानों को उठाना पड़ेगा। बता दें कि देशभर में ट्रांसपोर्टर बीते शुक्रवार से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हंै, ऐसे में केंद्र सरकार को इनकी मांगों पर गौरकरते हुए जल्द कोई हल निकालना होगा।


सेब के मिल रहे अच्छे दाम
हड़ताल के बीच बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं। भट्ठाकुफर मंडी में रविवार को उन्नत किस्म का स्पर सेब 3100 रुपए प्रति पेटी के हिसाब से बिका। इसी तरह 2350 रुपए पेटी रॉयल सेब तथा 1300 रुपए तक टाइडमैन सेब बिका। नाशपाती भी रविवार को भट्ठाकुफर मंडी में 2300 रुपए पेटी बिकी।


हड़ताल लंबी चली तो होगा नुक्सान : चौधरी
ढली एवं भट्ठाकुफर मंडी की आढ़त एसोसिएशन के पूर्व प्रधान नाहर सिंह चौधरी ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के बाद सेब व सब्जियों के दाम तेज हो गए हैं। फिलहाल सेब व सब्जियों की ट्रांसपोर्टेशन में कोई दिक्कत नहीं हो रही। यदि लंबे समय तक हड़ताल चलती है तो इससे सेब व सब्जी को करोड़ों का नुक्सान उठाना पड़ सकता है।

Vijay