शिक्षा मंत्री ने रखा हिमाचल का पक्ष, GST में केंद्र से मांगी रियायत

Friday, Sep 28, 2018 - 11:15 PM (IST)

शिमला: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली के साथ शुक्रवार को जी.एस.टी. पर हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश का पक्ष रखते हुए हिमाचल के लिए केंद्र से जी.एस.टी में रियायत मांगी है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जी.एस.टी. के बाद  प्रदेश में राजस्व उगाही कम हुई है, ऐसे में केंद्र इसके लिए विशेषज्ञों की टीम हिमाचल में भेजे और इस पर अध्ययन करवाएं ताकि इसमें लंबी अवधि के लिए कोई उचित समाधान निकले हालांकि तीन साल के लिए तो इसमें केंद्र प्रदेश को सहयोग कर रहा है लेकिन ये नाकाफी है। इसके बाद भी हिमाचल को इसमें केंद्र के सहयोग की जरूरत रहेगी। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से इस पर हिमाचल में स्टडी क रवाने का आग्रह किया है।

हिमाचल में पर्यटन की अपार सभावनाएं
इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि हिमाचल में पर्यटन की अपार सभावनाएं हैं और इससे प्रदेश को आय भी होती है लेकिन इस बार प्रदेश के पर्यटन पर मौसम की मार पड़ी है। हाल में हुई भारी बारिश से प्रदेश के कई पर्यटक स्थल कुल्लू, मनाली व लाहौल-स्पीति पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। सितम्बर माह में इन क्षेत्रों में भारी बारिश और बर्फबारी हुई, जिससे यहां सड़कें टूट गई हैं, पुल बह गए। इन क्षेत्रों में करोड़ों का नुक्सान हुआ, ऐसे में प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र जी.एस.टी. के शार्टफाल को पूरा नहीं कर पाएगा बल्कि इसके विपरीत इसकी भरपाई के लिए ही कई वर्ष लग जाएंगे। इस दौरान उन्होंने कहा है कि हिमाचल में इंडस्ट्री है लेकिन कंजम्प्शन यहां नहीं है और जहां कंजम्प्शन होती है, आई.जी.सी. टी. भी वहां लगता है।

प्रदेश में बनाए जाएं रिटेल आऊट
उन्होंने बताया कि हाल ही में मंत्रालय के सचिव हसंमुख अधिया ने जी.एस.टी. को लेकर प्रदेश का सर्वे किया था, जिसमें उन्होंने प्रदेश में सर्विस टैक्स को बढ़ावा देने और पर्यटन स्थलों में रिटेल आऊटलेट खोलने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही प्रदेश में बड़े शॉपिंग मॉल और वल्र्ड क्लास कलैक्शन सैंटर खोलने का भी सुझाव राजस्व उगाही के लिए दिया है। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इतने कम समय में प्रदेश में बड़े शॉपिंग मॉल और वल्र्ड क्लास कलैक्शन सैंटर खोलने आसान नहीं हंै। इसके लिए प्रदेश सरकार को बजट व काफी समय चाहिए।

केरल के एजैंडे पर भी हुई चर्चा
इस दौरान केरल के एजैंडे पर भी चर्चा की गई। राज्य का सैस लगाने की शक्ति देने व इसको लेकर अखिल स्तर पर कमेटी गठित करना का फैसला भी काऊंसिल में लिया गया। वित्त मंत्री इस कमेटी का गठन करेंगे। गौर हो कि प्रदेश को वर्ष 2005-06 में वैट से वाॢषक राजस्व 727 करोड़ रुपए हुआ था, जो वर्ष, 2016-17 में बढ़कर 4,382 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले 14 महीनों में जी.एस.टी. में अनुमानित राजस्व प्राप्ति में 40 फीसदी राजस्व की कमी आंकी गई है।

 

Vijay