कुल्लू में 19 बेटियां ऐसी जिनके हाथों से किताब घर की मजबूरियों ने छीन ली, सर्वे में हुआ खुलासा

Friday, Jul 05, 2019 - 04:44 PM (IST)

कुल्लू(मनमिंदर) : हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में 19 बेटियां ऐसी जिनके हाथों से किताब घर की मजबूरियों ने छीन ली। अब वह घर का कामकाज कर रही हैं। इनमें कुछ दिव्यांग भी शामिल है। जिला प्रशासन की ओर से करवाए गए सर्वे में जब यह खुलासा हुआ कि जिला कि यह बेटियां किताबी ज्ञान से दूर हैं तो जिला प्रशासन भी सकते में आ गया। सर्वे में यह बात सामने आई की अकेले कुल्लू ब्लॉक में ही 8-9 बेटियां ऐसी हैं जो शिक्षा से दूर घर में चूल्हा जला रही हैं। इस मामले में हैरानी की बात तो यह है कि जब इन बेटियों ने स्कूल आना बंद किया तो संबंधित स्कूलों के शिक्षकों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया कि बेटियां क्यों स्कूल नहीं आ रही। जब जिला प्रशासन की टीम ने सर्वे किया तो इन बेटियों के स्कूल न जाने की बात सामने आई।

सर्वे में जब इसके पीछे के कारण जानने चाहे तो यह खुलासा हुआ कि कुछ ने बिना कारण स्कूल छोड़ दिया तो कुछ को घरवालों ने घर के कामकाज या छोटे भाई-बहनों को देखने के लिए रोक लिया। जबकि 3 से 4 बेटियां दिव्यांग बताई जा रही हैं, लेकिन सारे प्रावधान होने के बावजूद इन दिव्यांग बच्चियों को भी स्कूल तक ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। अब जब उपायुक्त के समक्ष मामला रखा गया तो उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इनके घरों तक जाकर कारण जानने और इनको स्कूल तक पहुंचाने के लिए सारी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। साथ ही उनको रिपोर्ट करने को कहा है।

पहले भी सामने आए थे ऐसे मामले

बच्चियों के स्कूल न जाने के मामले पहले भी सामने आए थे। इसके बाद तत्कालीन उपायुक्त यूनुस खान ने ऐसी बच्चियों के लिए एक्सपोजर विजिट का प्रावधान किया था। उस समय भी 12 से 13 बच्चियां ऐसी सामने आई थी। अब विभाग की ओर से इनको साथ ही कराटे और अन्य प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अगर कोई बच्ची पढ़ लिखी है तो उसे कंप्यूटर भी सिखाया जाता है, ताकि शिक्षा के प्रति इनका रुझान बने। साथ ही इनके माता-पिता की भी काउंसलिंग की जाती है।

दिव्यांग बच्चियों को स्कूल ले जाने के लिए है विशेष प्रावधान

सर्वे में जिन बच्चियों के स्कूल न जाने का खुलासा हुआ है, उसमें कुछ दिव्यांग भी हैं। हालांकि शिक्षा के अधिकार के तहत इन बच्चियों को घर से स्कूल और स्कूल से घर लाने ले जाने के लिए एक व्यक्ति की तैनाती होती है, जिसको वेतन भी दिया जाता है। अगर बच्चा बिस्तर पर हो तो उसके लिए अलग से प्रावधान होता है।

kirti