आर्थिक तबाही सरकार के गलत फैसलों का नतीजा : राणा

punjabkesari.in Monday, Aug 31, 2020 - 07:00 PM (IST)

हमीरपुर : राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कहा है कि महंगाई और महामारी से बुरी तरह जूझ रहे असंगठित क्षेत्र पर अब ताजा आक्रमण देश को गुलामी की ओर धकेलने का प्रयास कर रहा है। पिछले 6 वर्षों में दुनिया की सबसे अमीर बनी बीजेपी के राज में आम आदमी दिनोंदिन कंगाल हुआ है। बीते बीजेपी के बीते कार्यकाल में गलत जीएसटी, गलत नोटबंदी व गलत लॉकडाउन के फैसलों ने देश को आर्थिक तबाही की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। अब खतरा यह मंडराने लगा है कि देश की अर्थव्यवस्था कभी भी, किसी भी वक्त डूब सकती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता को अब समझ आने लगा है कि सत्ता के इन तीन गलत सियासी फैसलों का मकसद देश के इन्फॉर्मल सेक्टर को खत्म करने की एक सोची समझी साजिश थी। जिसके कारण अब देश आर्थिक तबाही की कगार पर आ खड़ा हुआ है। 

उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है कि विश्व में किसी संकट के चलते आर्थिक मंदी आई है। 2008 में विश्वभर में बुरी तरह आर्थिक मंदी छाई थी, लेकिन हिंदुस्तान तब भी स्थिर रहा। जिसका एक ही कारण था कि तब देश पर सत्तासीन सरकार देश की अर्थव्यवस्था को ईमानदारी से चलाते हुए अर्थव्यवस्था की बारिकियों को समझती थी। हिंदुस्तान में दो तरह की अर्थव्यवस्थाएं चलती हैं। जिनमें से एक अर्थव्यवस्था असंगठित क्षेत्र में चलती है, जिसमें आम कामगार, मजदूर और किसान वर्ग आता है और दूसरी अर्थव्यवस्था संगठित क्षेत्र में चलती है, जिसमें बड़ी-बड़ी कंपनियों का कारोबार चलता है। जबकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में असंगठित क्षेत्र में चलनी वाली अर्थव्यवस्था पर पूरे देश का दारोमदार निर्भर रहता है। 2008 में विश्व में छाई मंदी के बीच भारत इसलिए स्थिर खड़ा रहा था, क्योंकि तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असंगठित क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बेहतर तरीके से संभाले रखा था। जबकि अब असंगठित क्षेत्र पर हुए आक्रमण ने देश को गुलामी के दौर में धकेलने का इंतजाम किया है। 

उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र की 40 करोड़ जनता असंगठित क्षेत्र पर हुए इस प्रहार के कारण बिलबिला उठी है। लोगों का जीना दिनोंदिन दुश्वार होने लगा है। 4 महीनों में 2 करोड़ युवाओं की नौकरी छूट चुकी है। जो कि दरबदर हो कर जीने को लाचार हैं। आर्थिक संकट से तबाह हो रहे देश के इस मंजर पर देश की वित्त मंत्री कह रही हैं कि यह एक्ट ऑफ गॉड के कारण हुआ है। जबकि असलियत यह है कि यह आर्थिक तबाही एक्ट ऑफ गवर्नमेंट के कारण आई है। इसमें भगवान की मर्जी नहीं, इस साजिश में सरकार की मर्जी कसूरवार मानी जा रही है।
 


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prashant sharma

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