ईको-फ्रैंडली पावर प्रोजैक्ट लगाने वाला देश का पहला राज्य होगा ''हिमाचल''

Wednesday, Jul 05, 2017 - 11:13 AM (IST)

शिमला: हिमाचल में हाईडल प्रोजैक्ट अब पर्यावरण की तबाही का कारण नहीं बनेंगे। इसको बचाने के लिए बिजली बोर्ड 22 ईको-फ्रैंडली प्रोजैक्ट लगाने जा रहा है। विद्युत बोर्ड ने ब्यास, रावी और पब्बर नदी पर इसके लिए साइट्स चिन्हित कर ली हैं। पायलट आधार पर कुल्लू के रायसन में 18 मैगावाट का प्रोजैक्ट लगाया जाना है। बड़ी बात यह है कि इस प्रोजैक्ट की फंडिंग के लिए विश्व बैंक भी सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे चुका है। बिजली बोर्ड ने 22 ईको-प्रोजैक्टों से कुल 300 मैगावाट बिजली उत्पादित करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजैक्ट को 3 स्टेजों में पूरा किया जाएगा। इसके निर्माण पर करीब 140 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें से 20 करोड़ रुपए भारत सरकार देगी जबकि शेष राशि विश्व बैंक से मिलने की आस है। 


यह प्रोजैक्ट लगाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य होगा
विद्युत बोर्ड द्वारा चिन्हित प्रत्येक प्रोजैक्ट 25 मैगावाट से कम क्षमता का बताया जा रहा है। इनकी खास बात यह है कि इनके निर्माण पर लागत बहुत कम आएगी चूंकि ईको-फ्रैंडली प्रोजैक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं है। प्रोजैक्ट नदियों के बीच प्राकृतिक रूप से बने भू-खंडों में बनाए जाएंगे। इनमें बिजली पैदा करने के लिए डैम बनाने की बजाय छोटी-छोटी झीलें बनाई जाएंगी। इससे मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा, साथ ही वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के शुरू होने से पर्यटन को भी पंख लगेंगे। यह प्रोजैक्ट लगाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य होगा, जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बगैर बिजली पैदा की जाएगी। बोर्ड ने इनकी डी.पी.आर. बनाना शुरू कर दिया है। विश्व बैंक से अच्छे संकेत मिलने के बाद बोर्ड अधिकारी इन्हें लेकर उत्साहित हैं।


इन्हें कहते हैं ईको-फ्रैंडली?
विद्युत बोर्ड ने प्रकृति के साथ बिना छेड़छाड़ किए पावर प्रोजैक्ट लगाने की योजना तैयार की है। इसके तहत ईको-फ्रैंडली प्रोजैक्ट के निर्माण के लिए न तो बड़ी-बड़ी अंडरग्राऊंड टनल बनाई जाएंगी और न ही बड़े-बड़े डैम बनाने की जरूरत है।  


कहां-कहां कितने-कितने मैगावाट का?
रायसन स्टेज-1 प्रोजैक्ट 18 मैगावाट, रायसन स्टेज-2 प्रोजैक्ट 22 मैगावाट, रायसन स्टेज-3 प्रोजैक्ट 16 मैगावाट, 15-माइल स्टेज-1 प्रोजैक्ट 11 मैगावाट, 15-माइल स्टेज-2 प्रोजैक्ट 10.50 मैगावाट, कटरेन स्टेज-1 प्रोजैक्ट 21 मैगावाट, कटरेन स्टेज-2 प्रोजैक्ट 13 मैगावाट, बबेली प्रोजैक्ट 10 मैगावाट, धालपुर 10 मैगावाट, बजौरा स्टेज-1 प्रोजैक्ट 15 मैगावाट, बजौरा स्टेज-2 प्रोजैक्ट 10.50 मैगावाट, काल्थ 15 मैगावाट, कांडापत्तन प्रोजैक्ट 25 मैगावाट, बैरी निचली प्रोजैक्ट 21 मैगावाट, टिक्कर 5 मैगावाट, कुठाड़ 5 मैगावाट, उदयपुर 15 मैगावाट तथा सीतापुर, छुला, मुगला, परेल और कियानी प्रोजैक्ट सभी 12-12 मैगावाट के स्थापित किए जाएंगे।