सदन में गूंजा रेललाइनों का मामला, CM बोले-जिक्र ज्यादा पर धरातल पर कुछ नहीं

Saturday, Dec 15, 2018 - 10:46 PM (IST)

तपोवन (धर्मशाला) (सुरेन्द्र): हिमाचल में रेल लाइनों का मामला विधानसभा में उठा। प्रश्नकाल के दौरान यह मामला पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने उठाया। उन्होंने प्रश्न पूछा था कि क्या उनके क्षेत्र घनौली, देहरादून वाया बद्दी, जगाधरी, सूरजपुर, कालाअंब, पांवटा साहिब रेल लाइन बिछाने बारे कोई प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि क्या उनके क्षेत्र के निकटवर्ती स्थानों से रेल लाइन पहुंचाने बारे कोई विचार किया जा सकता है क्योंकि यह क्षेत्र कई मामलों से महत्वपूर्ण है।

जोगिंद्रनगर ब्रॉडगेज रेललाइन का सपना भी बना सपना

रेल के मामले पर नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने भी कोई प्रगति न होने को लेकर सवाल दागे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में हमेशा सपनों की रेल चलती रही है। हमीरपुर और कांगड़ा के सांसद इन्हीं सपनों की रेल चलाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि अंग्रेज शिमला और जोगिंद्रनगर तक रेल नहीं पहुंचाते तो कभी भी यहां रेल नहीं पहुंचती। नेता विपक्ष ने कहा कि अब तक जोगिंद्रनगर ब्रॉडगेज रेललाइन का सपना भी सपना बन गया है। विधायक परमजीत सिंह ने भी बद्दी में रेल लाइन बिछाने को लेकर हो रही देरी का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने तो अपने हिस्से की भूमि का अधिग्रहण किया है, लेकिन हिमाचल के करीब 2 किलोमीटर हिस्से का फैसला नहीं हो पाया है और इसकी राशि का भुगतान नहीं हो पाया है।

सी.एम. बोले-अब तो रेलवे का जिक्र करने से भी लगता है डर

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अब तो रेलवे का जिक्र करने से भी डर लगता है। उन्होंने माना कि इस मामले पर जमीनी स्तर पर कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिक्र ज्यादा हुआ, लेकिन धरातल पर ज्यादा काम नहीं हो पाया है। अब वायदे नहीं इरादों पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फैक्टर-2 लागू होने के बाद जमीनों की कीमत बढ़ गई है, ऐसे में दिक्कतें काफी हैं।

केंद्र सरकार के साथ हर स्तर पर मामला उठाएगी प्रदेश सरकार

उन्होंने कहा कि इससे बावजूद प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के साथ हर स्तर पर मामला उठाएगी। रेल मंत्री ने जोगिंद्रनगर-पठानकोट लाइन पर रेल की रफ्तार बढ़ाने का आश्वासन दिया है और नए डिब्बे चलाए जाएंगे। शिमला में इन्हें चलाया जा चुका है। सी.एम. ने कहा कि हर वह कदम उठाया जाएगा, जिससे रेल लाइनें बिछ सकें।

Vijay