विधानसभा में गूंजी ABVP की आक्रोश रेली, वीरभद्र-धूमल के बीच छिड़ी जंग

Thursday, Mar 30, 2017 - 07:13 PM (IST)

शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा वीरवार को आयोजित आक्रोश रैली की गंूज विधानसभा में भी सुनाई दी। इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल में जंग छिड़ गई। धूमल ने दोपहर के भोजनावकाश के बाद प्वाइंट ऑफ  ऑडर के माध्यम से मामला उठाते हुए विद्र्यार्थी परिषद की मांगों का समर्थन किया और कहा कि विपक्षी दल भाजपा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इस आंदोलन का समर्थन करता है। उन्होंने विद्यार्थी परिषद की आक्रोश रैली को इतिहास की सबसे बड़ी रैली बताया तथा कहा कि सरकार को इसके बाद जाग जाना चाहिए। इस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि रूसा सिस्टम को बंद नहीं किया जाएगा। विद्यार्थी परिषद की अक्रोश रैली में 30 हजार छात्रों के पहुंचने का जो दावा नेता प्रतिपक्ष कर रहे हैं, गलत है। रैली में मात्र 8 से 10 हजार छात्र ही आए थे। यह रैली इतनी बड़ी नहीं थी, जितना की नेता प्रतिपक्ष बता रहे हैं। 

रूसा सिस्टम सबसे बेहतर : वीरभद्र
उन्होंने रूसा सिस्टम को सबसे बेहतर बताया। उन्होंने कहा कि अध्यापक इस सिस्टम का इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अधिक पढ़ाना पड़ रहा है। इसी तरह बच्चों को इसमें अधिक पढऩा पड़ रहा है। वह इसलिए इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूसा को जब लागू किया गया था तब इसमें बहुत सी कमियां थी लेकिन अब समय के साथ इन्हें दूर कर लिया गया है तथा इसमें काफी सुधार हुआ है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने एजुकेशन रैगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन और सदस्यों के पदों पर सेवानिवृत्त अधिकारियों की तैनाती का कड़ा विरोध किया तथा कहा कि कमीशन सेवानिवृत्त अधिकारियों को फिर से रोजगार देने का ठिकाना बन गया है। उन्होंने मांग की कि कमीशन में चेयरमैन व सदस्यों के पदों पर योग्य शिक्षाविदों की तैनाती होनी चाहिए। 

बिना तैयारी के लागू की रूसा प्रणाली : धूमल
नेता प्रतिपक्ष ने प्वाइंट ऑफ  ऑडर के तहत मामला उठाते हुए कहा कि आज शिमला में ए.बी.वी.पी. के छात्र सबसे बड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं। करीब 30 हजार विद्यार्थी प्रदेश के कोने-कोने से आए हैं। उन्होंने कहा कि यह छात्र वर्तमान रूसा शिक्षा प्रणाली का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रूसा प्रणाली बिना किसी तैयारी के लागू की गई। उन्होंने कहा कि सारी व्यवस्था चरमरा गई है और अराजकता फैली हुई है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायत्ता बहाल करने, विश्वविद्यालय में खाली पदों को भरने सहित अन्य मांगें भी उठाईं।