यहां नहीं मनाया जाता दशहरा, रावण का पुतला जलाया तो मौत निश्चित! (Watch Video)

Friday, Oct 19, 2018 - 01:25 PM (IST)

बैजनाथ (कमल गुप्ता): दशहरे का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के तौर पर रावण के पुतले को जलाते हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश का एक शहर ऐसा भी है जहां रावण के पुतले को नहीं जलाया जाता। यहां के लोग मानते हैं कि ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। ये शहर है कांगड़ा का बैजनाथ। मान्यता अनुसार रावण ने कई वर्ष पहले यहां घोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न कर शिवलिंग स्थापित किया था, इसलिए यह स्थान रावण की तपोस्थली माना जाता है। 

ऐसा नहीं है कि इससे पहले यहां कभी रावण का पुतला फूंकने की कोशिश नहीं हुई। कई साल पहले कुछ लोगों ने रावण का पुतला जलाया था और बताया जाता है कि उनकी बाद में मौत हो गई। इसी वजह से रावण को सम्मान देते हुए यहां पर दशहरा पर्व ना मनाने का प्रचलन चल पड़ा। इसी से जुड़ी यहां एक और मान्यता भी प्रचलित है। यहां कोई भी सुनार की दुकान नहीं है। लोगों का मानना है कि भगवान् शिव ने वरदान स्वरुप सोने की लंका रावण को दी थी। इसी वजह से यहां सुनार की दुकान नहीं है। लोगों के अनुसार जब कभी यहां किसी ने दुकान खोली भी है तो वह दुकान उजड़ गई।

Ekta