प्रतिदिन दयनीय हो रही ऐतिहासिक स्थल रुकमणि कुंड की दशा

Monday, Jul 09, 2018 - 12:15 PM (IST)

गेहड़वीं  : उपमंडल झंडूता की ग्राम पंचायत जांगला के पूर्वी छोर पर स्थित आस्था और लाखों लोगों की श्रद्धा के प्रतीक सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल रुकमणि कुंड की दशा प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। जल का अक्षय स्रोत कहे जाने वाला यह रुकमणि कुंड आज गेहड़वीं, जांगला, बैरीमियां, समोह, हीरापुर, बडोलदेवी तथा बैहनाजट्टां आदि पंचायतों के बाशिंदों की प्यास बुझाकर आई.पी.एच. विभाग की पेयजल की भारी मांग को पूरा कर रहा है परंतु इस कुंड की साफ-सफाई व इसके परिसर के उचित रख-रखाव की ओर न तो आई.पी.एच. विभाग तथा न ही जिला प्रशासन गंभीर है जिससे कि इस कुंड की पवित्रता पर प्रश्न चिह्न लगने लगा है और लोगों की आस्था को भी ठेस पहुंच रही है। 

आस्था का स्थान है रुकमणि कुंड
यहां पर वैशाखी, हर महीने की संक्रांति, पुर्णिमा, अमावस्या, ग्रहण, एकादशी तथा अन्य पर्वों पर आस्था के नाम पर सैंकड़ों लोग इस पवित्र कुंड में स्नान करते हैं परंतु स्नान के बाद अंधविश्वास के चलते अपने वस्त्रों का परित्याग भी इसी कुंड के किनारे कर देते हैं जिससे कि कई संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा रहता है। दूसरे बरसात के मौसम में गेहड़वीं, बैरीमियां तथा जांगला आदि 3 पंचायतों का वर्षा का पानी घणा-दी-चोई हल्की खड्ड से होता हुआ सीधा रुकमणि के कुंड में पहुंच जाता है तथा सारे पानी को मटमैला कर देता है। 


इससे इस कुंड की उठाऊ पेयजल योजना की सप्लाई बरसात में कई दिनों तक विभाग की मजबूरी के चलते बंद रहती है और गेहड़वीं तथा आसपास के क्षेत्र के लोगों को पेयजल की भारी किल्लत हो जाती है। बताते चलें कि इसकी पानी की आपूर्ति आसपास की 6-7 पंचायतों को पूर्ण व आंशिक रूप से की जाती है। आसपास के लोगों का मानना है कि इस कुंड में दिनोंदिन पनप रही समस्याओं से या तो विभाग व जिला प्रशासन अनजान है या आंखें मूंद बैठा है लेकिन कुछ भी हो समय से किया उपचार ही काम आता है।

kirti