शराबी हैडमास्टर मामले ने पकड़ा तूल, गुस्साए अभिभावकों ने की सस्पैंड करने की मांग

Wednesday, Apr 04, 2018 - 10:05 AM (IST)

कुल्लू: कुल्लू जिला के मनाली उपमंडल के एक स्कूल के हैडमास्टर के कारनामे के बाद अभिभावक उग्र हो गए हैं। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ के लिए हैडमास्टर के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए ए.डी.सी. कुल्लू अक्षय सूद को ज्ञापन दिया और मांग की कि शराबी हैडमास्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अभिभावकों ने स्कूल में 4 खाली पदों को भरने की मांग भी की। ए.डी.सी. को सौंपे ज्ञापन में ग्राम पंचायत प्रधान प्रोमिला ने कहा कि 3 वर्षों से प्रशासन व विभाग से खाली पदों को भरने की मांग कर रहे हैं परन्तु शराबी हैडमास्टर के सहारे स्कूल चलाया जा रहा है। नशे की हालत में वह छात्रों को क्या पढ़ाएगा, जिससे छात्रों पर बुरा असर पड़ रहा है। 


उन्होंने कहा कि प्रशासन और विभाग शराबी हैडमास्टर पर उचित कार्रवाई करें ताकि भविष्य में अन्य शिक्षकों को भी नसीहत मिले। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन ने ग्रामीणों की समस्या का समाधान शीघ्र नहीं किया तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के गृह विधानसभा क्षेत्र दुआड़ा पंचायत की घटना है जहां पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।


बिना पेपर चैक किए ही वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित
दुआड़ा पंचायत प्रधान प्रोमिला ने कहा कि 31 मार्च को छात्रों के वार्षिक परिणाम के दिन शराबी हैडमास्टर ने बिना पेपर चौक कर रिजल्ट घोषित किया। उसके बाद छात्रों के अभिभावकों ने हैडमास्टर को छात्रों के ग्रेड के बारे में पूछा तो वह शराब की हालत में कुछ भी नहीं बता पाया। उसके बाद अभिभावकों ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर शिक्षा विभाग को सूचना दी उसके बाद साथ के फोजल हाई स्कूल के हैडमास्टर और स्टाफ को निरीक्षण के लिए भेजा, जिसमें पाया कि छात्रों के पेपर चैक ही नहीं हुए हैं। बिना पेपर चैक किए ही वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। ग्रामीणों की मांग है कि हैड शिक्षक को हटाकर दूसरे शिक्षकों की तैनाती की जाए।


गरीब परिवार से हैं कैसे होगी हमारे बच्चों की पढ़ाई
अभिभावक वीना देवी ने बताया कि हैडमास्टर रोज शराब पीकर स्कूल आते हैं। बिना पेपर चैक किए रिजल्ट सुनाया, वार्षिक परीक्षा के दौरान अध्यापक स्कूल में भी उपस्थित नहीं रहे। हम यहीं चाहते हैं कि इस अध्यापक को यहां से हटाया जाए। हमें अपने बच्चों की भविष्य की चिंता सता रही है। एक तो हम गरीब परिवार से संबंध रखते हैं, ऐसे में अपने बच्चों को महंगे स्कूलों में पढ़ने के लिए नहीं भेज सकते। 


ऐसे अध्यापक पर हो सख्त कार्रवाई
अभिभावकों रूम सिंह व कृष्ण ने बताया कि सरकार ऐसे अध्यापक को सस्पैंड करे ताकि और जो ऐसे अध्यापक हैं, उन्हें भी सबक मिले। 3 क्लास में एकमात्र अध्यापक है वे भी शराबी है। हम शिक्षा विभाग से कहते हैं ऐसे अध्यापकों पर शिकंजा कसा जाए और जो हमारे बच्चों के परिणाम लटके हैं, उन्हें भी जल्द से जल्द निकाला जाए। 
 

Ekta