पुलिस से 2 कदम आगे निकला नशा माफिया, सोशल वैबसाइट्स पर हो रही सौदेबाजी

Monday, Sep 25, 2017 - 12:18 AM (IST)

कुल्लू: सोशल वैबसाइट्स पर नशे की बिक्री का मकडज़ाल पुलिस के लिए नई मुसीबत बनता जा रहा है। बड़े पैमाने पर सोशल वैबसाइट्स पर लोगों के अकाऊंट्स होने के कारण संदिग्धों को चुनना हालांकि मुश्किल काम है लेकिन पुलिस की एस.आई.यू. टीम इस पर कार्य कर रही है। प्रदेश पुलिस मुख्यालय में साइबर क्राइम से जुड़े बड़े अधिकारियों के संपर्क में रहकर पुलिस की यह शाखा लगातार इस तरह की गतिविधियों पर निगाह रखे हुए है। डिस्ट्रिक्ट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो भी इस पर काम कर रहा है। मौजूदा दौर में किसी भी अपराध को अंजाम देने वाले दो कदम आगे चलकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। नशे की तस्करी पर कसते शिकंजे के कारण माफिया ने भी अपने काम को अंजाम देने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। विभिन्न सोशल वैबसाइट्स के जरिए ही नशे की कीमत, लेन-देन व डिलीवरी से लेकर तमाम सैटिंग हो रही है।

तस्कर के मोबाइल फोन से हुए कई खुलासे
3 दिन पहले कुल्लू में पकड़े गए तस्कर के मोबाइल फोन से कई खुलासे हुए। खाते में कुछ पैसा ट्रांसफर करने व शेष राशि की अदायगी से लेकर चरस की डिलीवरी का पूरा रिकार्ड पुलिस को आरोपी के मोबाइल फोन से मिल गया। इस तरह के मामले पकड़ में आने के बाद पुलिस ने भी अब माफिया से निपटने के लिए स्वयं को आधुनिक तकनीकों से लैस करना शुरू कर दिया है। बैंकों व ए.टी.एम. के नाम पर ठगी के मामलों को भी साइबर क्राइम से जुड़े अधिकारी ही निपटाते हैं। इस तरह की बढ़ती घटनाओं से एक ओर लोग जहां हैरान हैं, वहीं पुलिस विभाग की भी चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। 

पुलिस की राडार पर हैं ये लोग
चरस उत्पादन व बिक्री के लिए बदनाम कुल्लू जिला में कुछ लोगों के फेसबुक अकाऊंट्स और अन्य सोशल वैबसाइट्स पर बने अकाऊंट्स पर पुलिस निगाह रखे हुए है। इनमें ऐसे कई लोग, उनके परिजन व उनके रिश्तेदार पुलिस के राडार पर हैं जो पूर्व में चरस सहित अन्य नशों की तस्करी में संलिप्त रहे हैं। समय-समय पर उनकी कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है और कॉल करने वालों की पृष्ठ भूमि का भी पता लगाया जा रहा है।

स्वयं आओ और खेप ले जाओ की अपनाई जा रही नीति
इन दिनों कुल्लू जिला के विभिन्न इलाकों में भांग की पौध से चरस निकालने का काम जारी है, ऐसे में माफिया भी नशे की खेप को ठिकाने लगाने की तैयारी में है। स्वयं खेप लेकर घूमने या दूसरे राज्यों में जाने को माफिया खतरा मान रहा है। लगातार हो रही चैकिंग और जगह-जगह नाकाबंदी की वजह से नशे की खेप के साथ तस्कर धरे जा रहे हैं, ऐसे में माफिया ने अब एक नया तरीका अपनाया है। जिसे जरूरत हो वह स्वयं आकर खेप ले जाए। 

विक्रेता को ढूंढते हुए खुद आ रहे ग्राहक
पिछले पौने 6 वर्षों में करीब पौने 5 क्विंटल चरस की खेप के साथ तस्कर धरे गए हैं। अफीम, कोकीन, ब्राऊन शूगर, स्मैक व हैरोइन सहित अन्य खतरनाक नशों की पकड़ी गई खेप अलग से है। अब चरस की खेप कुल्लू में तैयार है और माफिया इसे ठिकाने लगाने की फिराक में है। इसके लिए सोशल मीडिया के जरिए भी ग्राहकों से संपर्क साधा जा रहा है। नशे की खेप के लिए ग्राहक विक्रेता को ढूंढते हुए खुद आ रहे हैं। पिछले करीब साढ़े 3 महीनों में ही विभिन्न राज्यों के आधा दर्जन से ज्यादा लोग चरस की खेप के साथ धरे गए हैं। इनमें कई विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्र भी हैं।

किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे नशे के सौदागर
एस.पी. कुल्लू शालिनी अग्रिहोत्री ने बताया कि सोशल वैबसाइट्स के जरिए क्या-क्या हो रहा है, इस पर पुलिस विभाग की 2 अलग-अलग शाखाएं काम कर रही हैं। इसके लिए इन शाखाओं के लोग विभिन्न विभागों के संपर्क में हैं। नशे के सौदागर किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। कुछ लोग पुलिस के निशाने पर भी हैं। ऐसे लोगों के संबंध में जानकारी देने वालों के नाम भी पुलिस गुप्त रखेगी।