पहले ‘पेन’ किलर बाद में ‘ब्रेन’ किलर

Tuesday, Jan 10, 2017 - 10:56 PM (IST)

धर्मशाला: प्रदेश भर में अपने पैर पसार चुका नशा पहले व्यक्ति के लिए दर्द निवारक दवा के रूप में कार्य कर रहा है लेकिन बाद में वही नशा उसे खत्म करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। नशे के कारोबारियों पर की जा रही सख्त कार्रवाई के बाद भी नशे के सौदागरों की जड़ें अपना जाल बिछाने से थम नहीं रही हैं। कांगड़ा पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ छेड़े गए अभियान में पुलिस को लगातार सफलता भी हासिल हो रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांगड़ा पुलिस ने नववर्ष के मात्र 10 दिन में ही 7 हजार के करीब नशीले कैप्सूलों को पकडऩे में सफलता हासिल कर 15 के करीब लोगों को हिरासत में लिया है। एस.पी. कांगड़ा संजीव गांधी के अनुसार जिला पुलिस लगातार नशे के कारोबारियों पर नुकेल कस रही है। 

432 नशे के कैप्सूल सहित एक धरा
नशे के खिलाफ छेड़े अभियान में मंगलवार को शाहपुर पुलिस ने 432 नशे के कैप्सूल पकड़कर बड़ी सफलता हासिल की। थाना प्रभारी शाहपुर प्रताप सिंह ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने नेरटी में दिनेश कुमार उर्फ बिल्ला से 432 कैप्सूल (स्पास्मो प्रोक्सीवान) के पकड़े। जिला कांगड़ा के पंजाब के साथ लगते क्षेत्र नशे के कारोबारियों की सरजमीं बन चुके हैं। जानकारी के अनुसार भदरोया, मीलवां तथा छन्नीवेली आज अवैध नशे के कारोबारियों का पूरी तरह से गढ़ बने हुए हैं। पंजाब की सीमाओं से यहां पर आसानी से नशा पहुंच रहा है जिसे उक्त स्थानों से जिला कांगड़ा सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में पहुंचाया जा रहा है। 

क्या कहते हैं चिकित्सक
एच.ओ.डी. मनोवैज्ञानिक विभाग टांडा के चिकित्सक डा. सुखजीत की मानें तो नशे की गोलियां पहले दर्द निवारक दवा के रूप में कार्य करती हैं लेकिन बाद में यही दवाइयां उनके जीवन के लिए घातक सिद्ध होती हैं। चिकित्सक के अनुसार नशीली गोलियों का सेवन करने वाले व्यक्ति के शरीर में कई तरह के विकार उत्पन्न हो जाते हैं जोकि उसके शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों पर हावी हो जाते हैं तथा उन्हें खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, वहीं नशीली गोलियों का सेवन करने वाला व्यक्ति अपनी सुधबुध तक खो बैठता है तथा कई प्रकार के अपराधों को अंजाम देता है। 

पुलिस भी बेबस
बाहरी राज्यों से नशे के कारोबारियों को प्रदेश की सीमाओं में प्रवेश करने से रोक पाने में जिला पुलिस भी पूरी तरह से बेबस है। जिला कांगड़ा के नशे के लिए बदनाम हो चुके भदरोया, मीलवां तथा छन्नीवेली का 25 किलोमीटर से अधिक का हिस्सा पड़ोसी राज्य पंजाब की सीमाओं को छू रहा है, ऐसे में पुलिस किन-किन रास्तों पर नाकाबंदी कर नशे के कारोबारियों पर लगाम लगाए, यह पुलिस के लिए भी चुनौती बना हुआ है। इतने बड़े भाग के खुला होने के चलते नशीले पदार्थों पर पाबंदी लगाने में पुलिस भी पूरी तरह से बेबस है। 

शिकायत को व्हाट्सएप नंबर जारी होंगे
जिला भर में नशे के कारोबारियों पर लगाम लगाने के लिए अब कांगड़़ा के लोग बेखौफ होकर सूचना दे सकेंगे। इसके लिए कांगड़ा पुलिस इसी सप्ताह एक व्हाट्सएप नंबर जारी करेगी। उक्त व्हाट्सएप नंबर को पुलिस कंट्रोल रूम से संचालित किया जाएगा जिससे सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम व पता पूर्ण रूप से गुप्त रहेगा। 

नशे का असर
(1) नशेड़ी के पेट में दर्द रहता है। 
(2) किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है। 
(3) टांगों सहित शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द रहता है। 
(4) लूजमोशन का शिकार होना पड़ता है।
(5) आंख-नाक से लगातार पानी बहने लगता है।
(6) व्यक्ति को लगातार उवासियां आती हैं।