जल्द हकीकत में बदलेगा रोप-वे का सपना, 5 मिनट में धर्मशाला से मैक्लोडगंज पहुंचेंगे लोग

Friday, May 03, 2019 - 11:29 PM (IST)

धर्मशाला (पूजा): धर्मशाला-मैक्लोडगंज रोप-वे का सपना जल्द हकीकत बनने वाला है। रोप-वे के जरिए धर्मशाला से मैक्लोडगंज के बीच करीब 15 किलोमीटर की दूरी मात्र 5 मिनट में तय हो जाएगी। अभी सड़क के जरिए धर्मशाला से मैक्लोडगंज पहुंचने में आधे घंटे का औसत समय लगता है। रोप-वे में 15 किलोमीटर की दूरी कम होकर महज 1.38 किलोमीटर रह जाएगी। रोप-वे बना रही कंपनी ने सभी 10 पिल्लर बनाने का काम पूरा कर लिया है। कार्य तय समयानुसार चला तो अक्तूबर तक धर्मशाला व मैक्लोडगंज में मुख्य स्टेशन बनाने का काम पूरा हो जाएगा। रोप-वे प्रोजैक्ट को जून, 2019 तक पूरा करने की समयसीमा तय की गई थी लेकिन कई अड़चनों को पार कर अब यह प्रोजैक्ट दु्रत गति से दौड़ रहा है।

कालापुल से लेकर मैक्लोडगंज तक 10 टावरों का निर्माण पूरा

रोप-वे के लिए कालापुल से लेकर मैक्लोडगंज तक 10 टावरों का निर्माण किया गया है, जिसमें 50 करोड़ रुपए का खर्च आया है यानी प्रत्येक टावर पर 5 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। रोप-वे के लिए 2.24 हैक्टेयर जमीन का इस्तेमाल किया गया है जिसमें 1.69 हैक्टेयर फोरैस्ट लैंड है। धर्मशाला-मैक्लोडगंज के लिए वायर व कैबिन ऑस्ट्रिया से जून महीने में आने प्रस्तावित हैं। रोप-वे निर्माण के लिए नट-बोल्ट तक यूरोपीय देशों से मंगवाए जा रहे हैं।

24 कैबिनों में एक हजार यात्रियों के आने-जाने की क्षमता

कुल 24 कैबिनों में प्रति घंटे एक हजार यात्रियों के आने-जाने की क्षमता होगी। प्रत्येक कैबिन में कुल 10 यात्री सफर कर सकेंगे। ईको फ्रैंडली मोड पर बने कैबिनों की स्पीड 6 एम.एस.पी. होगी यानी एक कैबिन 5 मिनट में धर्मशाला से मैक्लोडगंज पहुंच जाएगा। 1638 मीटर ऊंचे रोप-वे के लिए धर्मशाला में बाईपास व मैक्लोडगंज में दलाईलामा मंदिर के पास मुख्य स्टेशन बनाया जाएगा। धर्मशाला रोप-वे देश का पहला इल्यूमीनेट रोप-वे प्रोजैक्ट होगा।

कब क्या-क्या हुआ

2015 में टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी व हिमाचल सरकार में एम.ओ.यू. साइन।
जनवरी, 2016 में धर्मशाला बस अड्डे के पास प्रोजैक्ट का शिलान्यास।
जुलाई, 2017 में सर्वे के बाद पिल्लर बनाने का काम शुरू।
फरवरी, 2019 में टाटा कंपनी ने प्रोजैक्ट छोड़ा।
मार्च, 2019 में धर्मशाला स्काई-वे ने काम संभाला।
मई, 2019 में सभी 10 पिल्लरों का निर्माण पूरा।

Vijay