गुड़िया प्रकरण : आज अदालत में पेश होंगे शिमला के पूर्व SP सहित 9 आरोपी

Monday, Nov 20, 2017 - 12:31 AM (IST)

शिमला: गुड़िया गैंग रेप और मर्डर केस से जुड़े कोटखाई पुलिस स्टेशन लॉकअप हत्याकांड मामले में गिरफ्तार सभी 9 आरोपी सोमवार को अदालत में पेश किए जाएंगे। इस मामले में जिला शिमला के पूर्व एस.पी. डी.डब्लयू. नेगी सोमवार तक रिमांड पर हैं। इसके साथ ही अन्य 8 आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 20 नवम्बर को ही पूरी हो रही है, ऐसे में जांच एजैंसी सभी आरोपियों को आज अदालत में पेश करेगी। अदालत से डी.डब्लयू.नेगी का रिमांड हासिल करने के बाद जांच एजैंसी उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई है। सूत्रों के अनुसार रविवार रात उन्हें दिल्ली से शिमला लाए जाने की तैयारियां चल रही थीं। हालांकि खबर लिख जाने तक इस बारे अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई थी। 

वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश होंगे आरोपी
इसके साथ ही उक्त मामले में ही गिरफ्तार एस.आई.टी. के मुखिया आई.जी. जैदी सहित अन्य सभी सदस्यों को सी.बी.आई. वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश करेगी। लॉकअप हत्याकांड केस में सी.बी.आई. ने डी.डब्ल्यू नेगी को गत वीरवार को गिरफ्तार किया था जबकि एस.आई.टी. के सदस्य लंबे समय से न्यायिक हिरासत में है। जांच एजैंसी अदालत से नेगी का रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है। सूत्रों की मानें तो पुलिस लॉकअप में हत्याकांड का राज खोलने के लिए जांच एजैंसी इलैक्ट्रॉनिक एवीडैंस का भी सहारा ले रही हैं। जांच टीम को मोबाइल कॉल्स डिटेल और कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क से कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं। लॉकअप हत्याकांड मामले में सी.बी.आई. ने आई.पी.सी. की धारा-302 के तहत मामला दर्ज किया है।

नेगी से दिल्ली में हुई कड़ी पूछताछ 
सी.बी.आई. ने रविवार को भी दिल्ली में जिला शिमला के पूर्व एस.पी. नेगी से कड़ी पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार जांच एजैंसी की पूछताछ का दौर कई घंटों तक चला। इस दौरान गुड़िया मर्डर केस की प्रारंभिक जांच से लेकर लॉकअप हत्याकांड को लेकर सवाल पूछे गए। सी.बी.आई. के कसते शिकंजे से पुलिस महकमे में भी हड़कंप मचा हुआ है। लॉकअप हत्याकांड केस में सी.बी.आई. ने डी.एस.पी. रत्न नेगी से भी पूछताछ की है। जांच एजैंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली तलब किया था।

वॉयस सैंपल की अर्जी पर आज होगी सुनवाई
लॉकअप हत्याकांड मामले का राज खोलने के लिए सी.बी.आई. हर पहलू खंगाल रही है। इसके तहत जांच एजैंसी छानबीन में मिले साक्ष्य के आधार पर न्यायिक हिरासत में चल रहे एस.आई.टी के सभी सदस्यों के वॉयस सैंपल लेना चाहती है। इसको लेकर अदालत में सी.बी.आई. ने अर्जी भी दायर कर रखी है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी। सूत्रों की माने तो जांच एजैंसी का मानना है कि वॉयस सैंपल से मामले की कई परतें खुल सकती हैं।

फर्जी मामला दर्ज करवाने पर कसा शिकंजा 
सूत्रों की मानें तो सी.बी.आई. जांच में उभर कर सामने आया है कि पुलिस लॉकअप में हुई सूरज की मौत को लेकर पुलिस अधिकारियों ने फर्जी केस बनाया। इसके तहत गुड़िया केस में पकड़े गए राजू को सूरज की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए आरोपी बनाया गया था लेकिन सूत्रों की माने तो सी.बी.आई. जांच में ऐसे तथ्य नहीं पाए गए, जिससे राजू को ही सूरज की हत्या का आरोपी करार दिया जा सके। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो इस मामले में थाने के संतरी ने भी सी.बी.आई. के समक्ष कई खुलासे किए थे, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाते हुए जांच एजैंसी ने एस.आई.टी. के सदस्यों को गिरफ्तार किया था। सूत्रों की मानें तो नेगी पर भी लॉकअप हत्याकांड में फर्जी मामला दर्ज करवाने में शामिल होने का आरोप है। उस समय वह जिला शिमला के एस.पी. थे।

यह है मामला
बीते 4 जुलाई को स्कूल से घर वापस लौटते समय गुड़िया अचानक लापता हो गई थी तथा 6 जुलाई की सुबह उसका शव दांदी जंगल में पड़ा मिला। गुडिय़ा प्रकरण में सबसे पहले पुलिस ने जांच अमल में लाई थी। इसके बाद यह मामला एस.आई.टी. को सौंपा गया। इसके बाद एस.आई.टी. ने मामला सुलझाने का दावा करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया। इसी बीच यह केस सी.बी.आई. के सुपुर्द कर दिया गया लेकिन उससे पहले पुलिस लॉकअप में एक आरोपी सूरज की हत्या हो गई, ऐसे में सी.बी.आई. ने बीते 22 जुलाई को गुड़िया मर्डर और रेप केस तथा पुलिस लॉकअप हत्याकांड को लेकर अलग-अलग मामले दर्ज किए। गुड़िया मर्डर और रेप केस में अभी तक सी.बी.आई. कोई नई गिरफ्तारी नहीं कर पाई है।