डाक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर जताया रोष, सरकार से मांगा इतने % सर्विस कोटा

Saturday, Mar 17, 2018 - 01:44 AM (IST)

शिमला: प्रदेश के डाक्टरों को 50 फीसदी सर्विस कोटा न मिलने पर उनमें रोष पनप गया है। शुक्रवार को ए.आई.एफ .जी.डी.ए. के आह्वान पर प्रदेशभर में डाक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर रोष जताया। मैडीकल ऑफिसर एसोसिएशन का कहना है कि सरकार अगर समय से यह कोटा डाक्टरों के लिए लागू नहीं करती है तो आधे से ज्यादा डाक्टर नौकरी छोडऩे को भी तैयार हो जाएंगे। डाक्टरों ने सरकार से मांग की है कि डाक्टरों के पलायन को रोकने के लिए 50 फीसदी सर्विस कोटा पहले की तरह दोबारा लागू किया जाए। यदि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चिकित्सकों को 50 फीसदी इन सर्विस कोटा प्रदान करती है तो प्रदेश में कार्यरत चिकित्सक पी.जी. करने के बाद प्रदेश में ही सेवाएं देते रहेंगे वर्ना अन्य प्रदेशों के चिकित्सक यहां पी.जी. करके वापस अपने प्रदेश लौट जाएंगे और प्रदेश विशेषज्ञ चिकित्सकों से वंचित ही रह जाएगा।

लोगों के लिए बहुत हानिकारक है नैशनल मैडीकल कमीशन बिल
डाक्टरों का कहना है कि वे नैशनल मैडीकल कमीशन बिल का विरोध कर रहे हैं और करते रहेंगे जो देश के लोगों के लिए बहुत हानिकारक है। डाक्टरों ने सरकार से आग्रह किया है कि अन्य पद्धतियों को एलोपैथी से दूर रखा जाए और उन्हें अपने अस्तित्व को जिंदा रखने का मौका दिया जाए। यदि अन्य पद्धतियों के डाक्टर एलोपैथी की दवाइयां लिखते हैं तो वे अपनी पद्धतियों के साथ अन्याय करने के लिए बाध्य हो जाएंगे जिससे उनकी गुणवत्ता समाप्त होने की कगार पर आ जाएगी। 

वेतन के लिए बहुत सालों से लड़ रहे लड़ाई 
डाक्टरों का कहना है कि वे वेतन के लिए भी बहुत सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य के सभी चिकित्सकों का वेतन केंद्रीय सरकार द्वारा दिए जा रहे वेतन के बराबर हो। इससे प्रदेश में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों का मनोबल बढ़ेगा। वे और अधिक निष्ठा से अपनी सेवाएं प्रदेश की जनता को दे पाएंगे। एक जैसा कार्य करने के बाद भी वेतन में भेदभाव मनोबल को तोड़ता है। महासचिव ने बताया कि वह शीघ्र ही स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से प्रदेश की संघ इकाई के साथ मिलेंगे और धरातल स्थिति से उन्हें अवगत करवाएंगे।

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