विश्व के धर्मों के बीच शांति और सद्भाव लाने के लिए हर संभव प्रयास करें: दलाईलामा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 20, 2021 - 12:09 PM (IST)

धर्मशाला (ब्यूरो): आंतरिक शांति लाने में आज विभिन्न धार्मिक परंपराओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक बार जब लोग राजनीतिक कारणों से या सत्ता के लिए धर्म का उपयोग करते हैं तब समस्या उत्पन्न होती है। यह बात तिब्ब्ति धर्म गुरु दलाईलामा विश्व धर्म की 8वीं संसद के दौरान अपने संबोधन में कहा। विश्व धर्म संसद के सदस्यों का अभिनन्दन करने के बाद दलाईलामा ने धर्मों के वास्तविक सार में अंतर्दृष्टि प्रदान की। उन्होंने कहा कि आस्तिकता और गैर आस्तिक के बीच मतभेदों के बावजूद सभी धार्मिक शिक्षाओं का सार करुणा है और मनुष्य जन्मजात करुणामय है।
उन्होने कहा कि करुणा मानसिक शांति का बीज है। जब हमें मानसिक शांति मिलती है तो हमारी मौखिक क्रियाएं और शारीरिक क्रियाएं सभी अधिक शांतिपूर्ण हो जाती हैं। दलाई लामा ने जोर दिया और कहा कि आंतरिक शांति लाने में धार्मिक परंपराओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। दलाईलामा ने कहा कि असली धार्मिक शिक्षा सौहार्दता और क्षमा है। विश्व की सभी प्रमुख धार्मिक परंपराओं को परस्पर शिक्षा और सम्मान के माध्यम से सह अस्तित्व में रहना चाहिए। दलाईलामा ने संसद सदस्यों से आग्रह किया कि जब भी धर्म के नाम पर कोई मुद्दा हो तो शांति और सद्भाव लाने में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएं।


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News Editor

Rajneesh Himalian

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