अब दिव्यांग विद्यार्थियों को HPU में मिलेगा इतने % आरक्षण

Sunday, Oct 08, 2017 - 10:32 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों को नए कानून के मुताबिक 5 प्रतिशत आरक्षण देने वाला उत्तर भारत का पहला राज्य विश्वविद्यालय बन गया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दृष्टिहीन एवं अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों को न सिर्फ 5 प्रतिशत आरक्षण के अंतर्गत दाखिला दिया गया बल्कि हास्टल की सुविधा भी दी गई। उमंग फाऊंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि उमंग फाऊंडेशन के प्रयासों से हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका के बाद दिव्यांग विद्यार्थियों को 5 प्रतिशत आरक्षण मिला है। उन्होंने बताया कि राजनीति विज्ञान विषय में एम.ए. में प्रवेश चाहने वाली उमंग फाऊंडेशन की दृष्टिबाधित सदस्य चम्बा की इंदु कुमारी को जब विश्वविद्यालय ने प्रवेश देने से इंकार कर दिया तो उसने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा।  उस पत्र को जनहित याचिका मानकर हाईकोर्ट ने दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण तुरंत प्रभाव से देने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के इस निर्देश से कई दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रवेश मिला। 

हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद मिलीं दिव्यांग विद्यार्थियों को सीटें
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में इस वर्ष एम.ए. (अर्थशास्त्र) कक्षा में 40 सीटों में से एक सीट भी दिव्यांग विद्यार्थियों को नहीं दी गई थी। उधर, धर्मशाला के बी.एड. कालेज में 250 सीटों में सिर्फ 7 सीटें ही दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए आरक्षित की गईं। विश्वविद्यालय परिसर में बी.एड. में 100 सीटों में से सिर्फ 2 सीटें ही आरक्षित रखी गईं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद दिव्यांग विद्यार्थियों इंदु कुमारी को एम.ए. (राजनीति विज्ञान) में  रविंद्र ठाकुर को एम.ए. (अर्थशास्त्र) में और जितेंद्र कुमार को बी.एड. में नर्सरी दाखिला दिया गया बल्कि विश्वविद्यालय को होस्टल की सुविधा भी देनी पड़ी। विजय कुमार नामक दृष्टिबाधित विद्यार्थी को धर्मशाला के बी.एड. कालेज में भी 1 सीट दी गई है।