पहाड़ों के रोमांच भरे सफर पर निकले दिव्यांग, 10 दिन में तय करेंगे 700KM का सफर (Video)

Sunday, Aug 05, 2018 - 04:34 PM (IST)

शिमला (राजीव): पहाड़ों की ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर साइकिल का रोमांचक सफर शुरू हो गया। इस बार इस रोमांच के सफर पर देश की सरहदों की सुरक्षा में अपने अंग गंवा चुके जवान भाग ले रहे हंै। बी.एस.एफ. और आदित्य मेहता फाऊंडेशन द्वारा आयोजित इस पैरा इनफिनिटी राइड साइकिल रैली में 36 प्रतिभागी 10 दिन में 700 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। पैरा इनफिनिटी राइड साइकिल रैली को शिमला के रिज मैदान से हिमाचल पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरड़ी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली शिमला से शुरू होकर 5 अगस्त को नारकंडा, 6 अगस्त को रामपुर, 7 अगस्त को कल्पा, 8 अगस्त को पूह, 9 अगस्त को नाको, 10 अगस्त को ताबो, 11 अगस्त को काजा, 12 अगस्त को लोसर, 13 अगस्त को छात्रु, 14 अगस्त को पालछन और 15 अगस्त को रोहतांग होते हुए मनाली पहुंचेगी, जहा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू रैली के समापन पर मुख्यातिथि होंगे।

दिव्यांगों को मानसिक और शारीरिक आघात से उबरने की मिलेगी प्रेरणा
सीमा सुरक्षा बल पश्चिमी कमान के ए.डी.जी. कमल नयन चौबे ने कहा कि रैली के आयोजन का मकसद देश के दिव्यांगों को मानसिक और शारीरिक आघात से उबरने की प्रेरणा देना है। रैली में बी.एस.एफ. के ऐसे जवान भी भाग ले रहे हैं जो सीमाओं पर सेवाएं देते हुए दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं और ये जवान दिव्यांगों को सन्देश देंगे कि यदि किसी वजह से आपका कोई अंग नहीं है और आप में हौसला है तो आप दूसरो की तरह सबकुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि रैली के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इतजाम किए गए हैं।

दिव्यांगों को इस तरह के आयोजन से मिलेगी मदद
हिमाचल पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरड़ी ने कहा कि आदित्य मेहता फाऊंडेशन ने बी.एस.एफ. की मदद से पिछले 4 वर्षों से 120 दिव्यांगों को सहायता की है और 45 अंतर्राष्ट्रीय मैडल जीते हंै तथा कई अवार्ड भी हासिल किए हैं। उन्होंने कहा पुलिस आर्मी के जवान अपने अंग खो दते हैं। उनका हौसला बुलंद रहे इसलिए इस तरह के आयोजन से उन्हें काफी मदद मिलेगी।

रोमांच भरे सफर को लेकर प्रतिभागी उत्साहित
उधर, इस रोमांचक सफर को लेकर सभी प्रतिभागी काफी उत्साहित हैं। खासकर बी.एस.एफ.के वे जवान जो देश की रक्षा करते हुए अपने अंग गंवा चुके हैं। वर्ष 2012 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ सैक्टर में हुए माइन ब्लास्ट में कोटला काजियां (अमृतसर) के रहने वाले जवान हरिंद्र सिंह को अपनी टांग गंवानी पड़ी। हरिंद्र ने कहा कि दुर्घटना के बाद आदित्य मेहता फाऊंडेशन ने उन्हें हैदराबाद में प्रोफैशनल ट्रेनिंग करवाई। वर्ष 2017 और 2018 में हुई एशियन पैरा साइकिलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व कर कांस्य पदक जीता।

आदित्य फाऊंडेशन ने दिया हौसला
सरहद पर अपनी टांग गंवा चुकेकुनाल का कहना है कि वर्ष 2010 में अपनी टांग गंवाने के बाद दफ्तर में बैठ कर ही नौकरी करते थे लेकिन वर्ष 2017 आदित्य फाऊंडेशन ने उन्हें हौसला दिया और अब तक वे कई साइकिल रैली में भाग ले चुके हैं। उनका कहना है कि शिमला से मनाली काफी कठिन सफर है लेकिन उन्हें इस सफर में मजा आने वाला है।

साइकिल रैली में महिलाएं भी ले रहीं भाग
इस साइकिल रैली में महिलाएं भी भाग ले रही हैं। रैली में हिस्सा लेने शिमला पहुंची अहमदाबाद की नीतू का कहना है कि वह साइकिल रैली को लेकर काफी उत्साहित हैं और पहाड़ों पर पहली बार साइकिलिंग कर रही हंै। उन्होंने कहा कि अन्य महिलाओं को भी इस तरह की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना चाहिए और चुनौतियों को सवीकार करना चाहिए।
वहीं इस खिताब के लिए गीता ने 41 दिनों में साइकिलिंग कर 1500 किलोमीटर के 4 पड़ाव पूरे किए। गीता का कहना है कि ‘आई एम लिविंग विद साइकिलिंग’।

21 साल के हरजीत की यह चौथी इनफिनिटी राइड
पुणे निवासी 21 साल के हरजीत राकेश मुंद्रा इनफिनिटी राइड में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के प्रतिभागी हैं। 17 साल की उम्र में सड़क दुर्घटना में अपनी एक टांग गंवा चुके हरजीत 2015 में बंगलूरू से हैदराबाद, 2016 में मनाली से खारदुंगला पास, 2017 में हैदराबाद से त्रिपुति राइड में भाग ले चुके हैं। हरजीत का कहना है कि साइकिलिंग ने उन्हें जीने की नई दिशा दिखाई है।

Vijay