हिमाचल के दिव्यांग ‘नाना पाटेकर’ अशोक कुमार की दर्दभरी है दास्तां, सुनकर पसीज जाएगा दिल

Sunday, Nov 24, 2019 - 06:08 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): अपनी आवाज के दम पर रातोंरात विख्यात होने वाले हिमाचल के ‘नाना पाटेकर’ दिव्यांग अशोक कुमार के वास्तविक जीवन की दर्दभरी दास्तां है, जिसे सुनकर हर किसी की आंखों में आंसू आना स्वाभाविक है। जिस मकान में अशोक कुमार का जीवन व्यतीत हुआ है। वह मकान आज के समय में पूरी तरह टूट चुका है। जिस आंगन में वह खेला है, उस आंगन में आज घास उग चुकी है। अशोक कुमार की बहन भी उसी की तरह बचपन से दृष्टिहीन हैं। अशोक कुमार व उसकी बहने को उसके मां-माप ने बचपन में ही छोड़ दिया था लेकिन दोनों भाई-बहन ने हिम्मत नहीं हारी।

अशोक कुमार के पहाड़ समान मजबूत इरादों ने सिद्ध कर दिया कि अगर इंसान का हौसला बुलंद है तो भगवान भी उसे मंजिल तक पहुंचाने के लिए मदद करता है। दिव्यांगता भी वरदान से कम नहीं होती है। अपने चमत्कारी गले से अशोक कुमार किसी भी बड़े हीरो या विलेन की आवाज निकालने में माहिर है। अशोक कुमार ने बताया कि उसे बचपन से रेडियो पर विख्यात कहानीकार कबीर, उद्घोषकों आरजे नावेद, आरजे हर्ष और आनंद भार्गव से मिमिक्री की प्रेरणा मिली है। दिव्यांग अशोक कुमार इस समय आईटीआई सुंदरनगर में पढ़ाई कर रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो से प्रभावित होकर हिमाचल फिल्म सिनेमा के संस्थापक ठाकुर केसी परिहार ने उन्हें अब प्रमोटर बनाने का फैसला लिया है।

जिला बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र झंडूता के गांव जावला में जब अशोक कुमार के ताया बरम दास से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो वीडियो अशोक कुमार का सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, उसके बारे में लोगों ने उन्हें बताया। उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि ये अशोक कुमार की आवाज है लेकिन जब अशोक से बात की तो उसने बताया कि यह उसी की ही आवाज है, जिसके बाद अशोक के ताया और परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों के अशोक कुमार के ताया को चारों तरफ से बधाई के फोन आ रहे थे।

ताया बरम दास ने अशोक और अंजना के जीवन के बारे में बताया कि इन दोनों के माता-पिता 2011 में छोड़कर चले गए थे। उसके बाद उसने व उसकी पत्नी ने इनकी देखरेख की। बरम दास के अपने भी तीन बच्चे थे लेकिन उसने इन दोनों को भी अपने बच्चों से ज्यादा प्यार किया। इन दोनों को किसी भी तरह की कमी न आए, इसके लिए इन दोनों बच्चों को होस्टल में डाल दिया और वह हमेशा की तरह उनसे मिलने के लिए होस्टल जाया करते हैं। वहीं बरम दास ने कहा कि जो बच्चे बचपन से दिव्यांग होते हैं, उनको कभी भी अपने से दूर न करें क्योंकि यह भगवान की देन होती है। इनके साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा हम और बच्चों के साथ करते हैं।

अशोक कुमार की बहन अंजना कुमारी जिला बिलासपुर के घुमारवीं कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। जब उसकी सहेलियों ने उसके भाई की वीडियो सोशल मीडिया पर देखी तो उसे जानकारी दी। जब उसने भाई को फोन किया तो अशोक ने बताया कि यह वीडियो उसी की है। बता दें कि 14 नवम्बर को बाल दिवस के अवसर पर अशोक कुमार ने नाना पाटेकर की आवाज में कुछ डायलॉग सुनाए थे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अंजना कुमारी ने बताया कि उसके माता-पिता बचपन में ही उन्हें छोड़कर चले गए थे, जिसके बाद हमारे ताया और ताई ने हमें सहारा दिया है।

आशोक कुमार की ताई सरबनी देवी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब मुझे पता चला कि अशोक कुमार का कोई वीडियो सोशल मीडिया पर आया है तो मुझे बहुत खुशी हुई। उन्होंने बताया कि इन दोनों बच्चों को मैंने आपने बच्चों से ज्यादा प्यार किया और आज इन बच्चों ने हमारा नाम रोशन किया है। हमें फोन के माध्यम से चारों तरफ से बधाई के फोन आ रहे हैं।

Vijay