दिव्यांग का दंश झेल रही अनीतू के मामले ने लिया सकारात्मक मोड़

Wednesday, Dec 07, 2016 - 03:39 PM (IST)

शिमला: शिमला के ननखड़ी उप तहसील के कुंगल बाल्टी गांव की दिव्यांग का दंश झेल रही 25 साल की अनीतू को आखिरकार बेहतर जीवन मिलने की कवायद शुरू हो ही गई। अनीतू के जीवन में आज वह पल आया, जब वह अपने घर से बाहर निकलकर शिमला पहुंची। दिव्यांग अनीतू की हालत पर खबरें प्रकाशित होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसका संज्ञान लिया था और फिर राज्य सरकार को निर्देश देने के बाद प्रशासन ने हरकत में आते हुए उसे उसके गांव कुंलगबाल्टी से शिमला पहुंचाया गया। आज अनीतू को शिमला लाकर दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में उसकी डॉक्टरी जांच की गई। 


डॉक्टरी जांच के बाद उसे मशोबरा स्थित राज्य सरकार के नारी सेवा सदन भेज दिया गया। वह जीवन में पहली बार दुर्गम गांव कुंगलबाल्टी से बाहर निकली है और पहली बार उसे डॉक्टरों ने देखा। डॉक्टरों ने कहा कि वह मंदबुद्धि है और शारीरिक रूप से भी विकलांग है। डॉ. शांडिल और डॉ. मोक्टा का कहना था कि अनीतू को तुरंत किसी दवा इलाज की जरूरत नहीं है। गौर हो कि उमंग फाउंडेशन ने इस विकलांग लड़की का मामला उठाया था। इस मामले के उजागर होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग हरकत में आया और फिर जाकर प्रशासन ने इस युवती की सुध ली। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बताया कि रामपुर के तहसील कल्याण अधिकारी शशि ठाकुर उप तहसील ननखड़ी में अनीतू के गांव कल रात में ही पहुंच गए थे। अनीतू के साथ उसकी दो मौसियां पार्वती और बिंदु भी आई हैं।


कुल्लू के अनाथ महिला आश्रम भेजी अनीतू
उधर, जिला कल्याण अधिकारी केशू राम गर्ग ने कहा कि फिलहाल अनीतू को मशोबरा के नारी सेवा ददन में अस्थाई तौर पर भर्ती किया है। बाद में उसे कुल्लू के क्लाथ में एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा चलाए जा रहे अनाथ महिलाओं के आश्रम में भेज दिया जाएगा।