बिंदल साहब! ''हम तो गंगाजल भी पीते हैं और आब-ए-जमजम भी...आपसी भाईचारे और सौहार्द को न करें खराब''
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 03:58 PM (IST)

नाहन (आशु): बिंदल साहब! हम तो गंगाजल भी पीते हैं और आब-ए-जमजम भी। यहां अर्थी को कंधा सलीम, मुबारक, आमिर भी देते हैं, तो वहीं जनाजे को कंधा रमेश, अशोक सहित शर्मा जी, तोमर जी भी देते हैं। ये सब कब्रिस्तान में जनाजे के बाद मिट्टी भी डालते हैं और हम मोक्षधाम में जाकर चिता के ऊपर लकड़ी भी। हम जगन्नाथ यात्रा में पुष्प वर्षा भी करते हैं और प्रसाद भी चढ़ाते हैं। यहां ताजियों पर आकर शीश भी नवाया जाता है, तो ईद पर हिंदू-मुस्लिम एक दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद भी देते हैं। हम ईद की सेवइयां भी खाते हैं और प्रसाद भी। उन्होंने जोर देकर कहा कि विरासत में मिले इस आपसी सौहार्द के चलते यहां हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों में कोई भेदभाव नहीं है, लिहाजा बिंदल साहब इस आपसी भाईचारे और सौहार्द को खराब करने की कोशिश न करें। ये सलाह जिला मुस्लिम वैल्फेयर कमेटी सिरमौर ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल काे दी है। कमेटी ने शनिवार को नाहन में एक प्रैस वार्ता कर माजरा प्रकरण पर डॉ. बिंदल द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय पर की गई टिप्पणियों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
नाहन के आपसी भाईचारे को तोड़ने की कोशिश कर रहे बिंदल
कमेटी के जिलाध्यक्ष सेवानिवृत्त कैप्टन सलीम अहमद ने भाजपा नेता पर आरोप लगाया कि जब से राजीव बिंदल नाहन आए हैं, तब से उनकी नाहन के आपसी भाईचारे को तोड़ने की कोशिश रही है। उन्होंने सवाल किया कि माजरा प्रकरण में हुए प्रदर्शन में क्या किसी भाजपा नेता का बेटा शामिल था या कभी होता है? ऐसे प्रदर्शनों में सिर्फ आम और गरीब लोग होते हैं। बिंदल और सुखराम ने तो हाईकोर्ट में जमानत करवा ली, लेकिन जिन अन्य 50 से अधिक लोगों पर मुकद्दमे दर्ज हुए हैं, उनकी जमानत कौन करवाएगा? अब इस प्रकरण में आम और गरीब आदमी फंसकर रह गया है, जिसे वकीलों की मोटी फीस और अदालत के चक्कर काटने पड़ेंगे। कमेटी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय ऐसी राजनीति को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मौके पर अल्पसंख्यक अध्यक्ष मुबारिक अली, यूथ कांग्रेस नाहन के अध्यक्ष आमिर खान, फकीर मोहम्मद व यामिन आदि समुदाय के लोग मौजूद रहे।
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