जिलाध्यक्षों ने वीरभद्र को दिया दो टूक जवाब, जानने के लिए पढ़ें खबर

Sunday, Jun 17, 2018 - 10:50 PM (IST)

धर्मशाला: प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक जिलों को लेकर एक बार फि र छिड़ी बहस में जिलाध्यक्षों ने पूर्व सी.एम. वीरभद्र सिंह को दो टूक जवाब दिया है। देहरा संगठनात्मक जिला के अध्यक्ष नरदेव कंवर, इंदौरा संगठनात्मक जिला के अध्यक्ष कर्ण पठानिया व पालमपुर संगठनात्मक जिला के अध्यक्ष करुण शर्मा ने कहा है कि नेताओं के जमघट में प्रस्ताव पास करने से संगठनात्मक जिले खत्म नहीं हो जाते। वे तो पार्टी कार्यकर्ता हैं और संगठन को मजबूत करने में लगे हैं। नेताओं व मंत्रियों को सोचना चाहिए कि जब सरकार में थे तो लोगों को कितना मान-सम्मान दिया उन्हें कितना पूछा। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक जिले बनने से कांग्रेस की स्थिति सुधरी ही नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर और मजबूत हुई है। पूर्व मंत्रियों को अपने गृह हलके में रहकर जनता की सेवा करनी होगी तभी जनता उन्हें दोबारा चुनकर भेजेगी।


भंग करने की बजाय संगठन के कार्यों की प्रशंसा का प्रस्ताव डालते वीरभद्र
उन्होंने कहा कि पूर्व सी.एम. वीरभद्र सिंह को संगठनात्मक जिले भंग करने का प्रस्ताव पारित कराने की बजाय संगठन के कार्यों की प्रशंसा का प्रस्ताव डलवाना चाहिए था। जिलाध्यक्षों ने कहा कि पार्टी बीता विधानसभा चुनाव संगठन की वजह से नहीं सरकार के कारण हारी है। सरकार में शामिल आधे से अधिक मंत्री इसलिए हारे चूंकि उन्होंने कुर्सी पाने के बाद जनता की सुध लेना ही छोड़ दी। पूर्व सी.एम. और उनके हारे हुए सिपहसलारों को आत्ममंथन करना चाहिए।

Vijay