अध्यापकों पर डाली जा रही स्थानांतरण एक्ट से नुकेल, पढ़ें पूरी खबर

Thursday, Feb 15, 2018 - 12:03 PM (IST)

मंडी : प्रदेश सरकार द्वारा स्थानांतरण एक्ट बनाकर सिर्फ शिक्षकों पर ही नुकेल कसी जा रही है जिसे शिक्षक समाज कभी सहन नहीं करेगा। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष जी.एस. बेदी, वरिष्ठ उपप्रधान प्रमोद कपिल, महासचिव रणजीत सिंह, संयोजक इंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष के.पी. शर्मा, मंडी के जिलाध्यक्ष प्रेम सिंह ठाकुर व महासचिव रमेश चौहान ने कहा है कि संघ प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए स्थानांतरण एक्ट का समर्थन करता है लेकिन इसे सिर्फ शिक्षक समाज के लिए ही नहीं अपितु सभी कर्मचारियों के लिए बनाया जाना चाहिए।

सिर्फ शिक्षकों को ही निशाना बनाया जा रहा
उन्होंने कहा कि सिर्फ शिक्षकों पर ही यह एक्ट बनाकर शिक्षक समाज पर नुकेल कसी जा रही है जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्थानांतरण एक्ट से सिर्फ शिक्षकों को ही निशाना बनाया जा रहा है जिससे ऐसा लगता है कि प्रदेश में शिक्षक वर्ग बहुत बड़ा अपराधी है और इस वर्ग को नुकेल डालने के लिए यह एक्ट लाया जा रहा है, जिसे शिक्षक समाज कभी भी सहन नहीं करेगा। संघ का कहना है कि स्थानांतरण एक्ट के अलावा प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है जिसके लिए पहली कक्षा से एन.सी.ई.आर.टी. की किताबें उपलब्ध करवाना जरूरी हैं।

प्रत्येक स्कूल में 3-3 शिक्षक की हो तैनाती 
अगर प्रदेश सरकार शिक्षा में गुणात्मकता लाना चाहती है तो प्रदेश के सभी प्राथमिक स्कूलों में कम से कम 3-3 शिक्षक तैनात करने होंगे। संघ का कहना है कि प्रदेश के अधिकतर स्कूल ऐसे हैं, जहां एक ही शिक्षक सेवा दे रहा है, ऐसे में शिक्षण कार्य के अतिरिक्त उसे अन्य कार्य करने का भी जिम्मा होता है, जिसके चलते वे विद्याॢथयों के लिए अधिक समय नहीं दे पाते। अगर सभी प्राथमिक स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक होंगे तो वे गुणात्मक शिक्षा मुहैया करवाने में सफल हो सकेंगे।

शिक्षक संगठनों से भी ली जाए राय 
सरकार द्वारा अगर शिक्षा से संबंधित कोई भी नया प्रयोग किया जाता है तो उसके लिए शिक्षक संगठनों को विश्वास में अवश्य लिया जाए क्योंकि इससे पहले भी शिक्षा विभाग में बहुत से प्रयोग हो चुके हैं जो कि सब के सब धराशायी हो चुके हैं, जिसका शिक्षा के क्षेत्र को बहुत ज्यादा नुक्सान हो चुका है। प्रदेश में बहुत से स्कूल ऐसे भी हैं जहां पर शिक्षक बेहतर काम कर रहे हैं और उनकी मेहनत की वजह से उन स्कूलों में छात्रों की संख्या भी ठीक है और अभिभावक भी शिक्षकों के कार्य से संतुष्ट हैं, ऐसे में अगर शिक्षकों का तबादला हो जाता है तो इससे छात्रों की शिक्षा प्रभावित होगी।