विधायक के हस्तक्षेप से थमा कांग्रेस जिला अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं के बीच छिड़ा विवाद

Sunday, Jun 02, 2019 - 07:45 PM (IST)

ऊना (विशाल): लोकसभा चुनावों में पैसे व शराब मांगने के कांग्रेस जिला अध्यक्ष के आरोपों के बाद छिड़ा विवाद आखिरकार थमता दिख रहा है। सदर विधायक सतपाल रायजादा ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए एक जांच कमेटी के माध्यम से मामले में मध्यस्थता की। दोनों पक्षों की बैठक के बाद दोनों ही पक्षों में मामला सौहार्दपूर्ण तरीके से खत्म करवाया गया। रविवार को इस पूरे मामले को लेकर 3 सदस्यीय कमेटी का गठन करके दोनों पक्षों को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में बुलाया गया जहां दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं।

कार्यकर्ताओं का कहना था कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजेश पराशर ने सोशल मीडिया में उनकी तस्वीरें पोस्ट करते हुए उन पर आपत्तिजनक आरोप लगाए। वहीं जिला अध्यक्ष का तर्क था कि इन कार्यकर्ताओं द्वारा उनको रात के समय भी फोन करके तंग किया जाता था। विधायक सतपाल रायजादा के मुताबिक इन नंबरों की पड़ताल करने पर ये नंबर किन्हीं और लोगों के पाए गए जोकि इन कार्यकर्ताओं का नाम लेकर जिला अध्यक्ष से फोन पर बात करते रहे, जिसके चलते सारी गलतफहमी व विवाद पैदा हुआ है। जिला अध्यक्ष ने सारे मामले का पटाक्षेप होने के बाद खेद जताया और दोनों पक्षों में यह विवाद थम गया। इस बैठक के बाद जिला अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर भी स्थिति स्पष्ट की है।

बता दें कि जिला अध्यक्ष ने 2 कार्यकर्ताओं की तस्वीरें व नाम जारी करते हुए सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि चुनावों के दौरान इनके द्वारा रुपए व शराब की डिमांड की जाती थी। अध्यक्ष की इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। इस पर न केवल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने रोष जताया था, वहीं भाजपाइयों ने भी इसको खूब मुद्दा बनाया। पोस्ट के स्क्रीनशॉट आगे से आगे वायरल हुए, जिसके बाद मामला काफी आगे बढ़ गया। इस पोस्ट के बाद दोनों कार्यकर्ताओं ने पुलिस के पास शिकायत देने के साथ-साथ कानूनी मशिवरा भी शुरू कर दिया था। यहां तक कि जिला अध्यक्ष के पुतले फूंकने व काले झंडे दिखाने की चेतावनी भी दी गई थी। बहरहाल इस मामले में सदर विधायक सतपाल रायजादा और पूर्व आर.टी.ए. सदस्य दीपक लट्ठ की मौजूदगी में दोनों पक्षों में बैठक के बाद मामला खत्म हुआ है।

सदर विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि दोनों पक्षों में विवाद महज एक गलतफहमी के चलते पैदा हुआ था, जिसे सुलझा लिया गया है। कांग्रेस जिला अध्यक्ष कांग्रेस के लिए बेहतरीन कार्य कर रहे हैं जबकि कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ हैं। वहीं कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि फोन नंबरों की गलतफहमी के चलते सारा मामला उपजा था जोकि अब तथ्य सामने आने के बाद कार्यकर्ताओं से बात करके खत्म किया गया है। पार्टी के हर कार्यकर्ता का मान-सम्मान पार्टी में लगातार होता रहा है और यह आगे भी होता रहेगा।

Vijay