ए.जी. की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे, नाहन मैडीकल कालेज में करोड़ों की हेरफेर

Sunday, Aug 19, 2018 - 05:24 PM (IST)

नाहन (सतीश): ए.जी. की रिपोर्ट ने डा. वाई.एस. परमार मैडीकल कालेज की पोल खोलकर रख दी है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। ए.जी. की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एम.बी.बी.एस. के छात्रावास में सिर्फ पीने के पानी पर एक साल में 7.5 लाख रुपए खर्च कर दिए गए हैं। सवाल इस बात पर भी है कि जब पिछले कई महीनों से पेयजल संकट नहीं हुआ है तो ऐसा क्या हुआ कि कालेज प्रबंधन को लाखों रुपए की राशि टैंकरों पर ही खर्च करनी पड़ी।

कांग्रेस ने मामले में मांगी निष्पक्ष जांच
जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय सोलंकी ने सवाल उठाते हुए कहा कि लाखों रुपए की फीस चुकाने वाले छात्रों के लिए ऐसा होस्टल क्यों चुना गया, जहां पीने के पानी तक की व्यवस्था नही है। उनका कहना है कि खुद एम.बी.बी.एस. के छात्रों ने नाहन मैडीकल कालेज में असुविधाओं को लेकर हड़ताल भी की थी मगर प्रबन्धन द्वारा उनको डराया-धमकाया गया। अब कांग्रेस ने पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कड़ी कारवाई की मांग की है।

सिर्फ किराए पर खर्च हो रहे करोड़ों रुपए
उन्होंने कहा कि भारी अनियमितताएं बरतते हुए कि फैकल्टी के लिए प्रबंधन ने 32 हजार रुपए मासिक किराए पर फ्लैट लिए हैं, जिसमें सालाना करोड़ों रुपए सिर्फ किराए पर खर्च हो रहे हैं। सवाल यह है कि इतने महंगे फ्लेट लेने की जरूरत क्या थी। उन्होंने कहा कि यहां सीधे-सीधे प्रबधन द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक मैडीकल कालेज ने पहले व दूसरे बैच के लिए 3.44 करोड़ रुपए की फीस वसूली। इस राशि को सरकारी खाते में डालने की बजाय कालेज के खाते में डाला गया, जिससे अंदाजन 7.40 लाख रुपए के ब्याज की चपत लगी।

लैप्स होने के डर से एडवांस में निकाले 96.50 करोड़
उन्होंने कहा कि प्रबंधन ने लैप्स होने के डर से 96.50 करोड़ रुपए की राशि को एडवांस में ही निकाल लिया मगर तय समय अवधि के भीतर पैसा खर्च नहीं किया। ऑडिट के दौरान भी उस वक्त विवाद पैदा हो गया था जब एक ट्रांसफर अधिकारी को ऑफ द रिकॉर्ड बुलाया गया था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।

विधानसभा के मानसून सत्र में गूंजेगा मामला
कुल मिलाकर अब ए.जी. की रिपोर्ट विधानसभा के मानसून सत्र में रखी जाएगी। देखना होगा कि सरकार इस पर कितनी गंभीरता दिखाती है। यह सत्र के दौरान ही पता चल पाएगा। हालांकि इससे पहले ही सरकार ने मामले में विभागीय जांच बिठा दी है ताकि विपक्ष को जबाब दिया जा सके।

Vijay