धूमल ने अटल जी को दी श्रद्धांजलि, बोले-अटल जी की तरह न कोई था, न होगा

Sunday, Sep 16, 2018 - 11:10 PM (IST)

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता की कुछ पंक्तियां बोलते हुए कहा कि अब तो यह इच्छा है कि अंतिम दस्तक पर मैं खुद दरवाजा खोलूं। उन्होंने कहा कि अटल जी ऐसे कवि थे, जिन्होंने मौत को भी छोटा साबित कर दिया था। रविवार को सुजानपुर विस क्षेत्र के टौणी देवी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के देहांत के एक माह बाद काव्यांजलि के रूप में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें अटल जी की कविताएं पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल की तरह न कोई था और न कोई होगा। इस दौरान लेखक एवं कवि मुनीष तन्हा, विजय भारत दीक्षित, डा. रमेश शर्मा, दीपक शर्मा, जिला परिषद के अध्यक्ष राकेश ठाकुर व विजय बहल ने भी अटल जी की कविताएं पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सदैव अटल जी की स्मृतियों को ध्यान से रखकर काम करना चाहिए तभी देश फिर से विश्व गुरु बनेगा। 

अटल जी ने दिया था ऐनी टाइम अपाइंटमैंट का कोड
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे और मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री था तो उस समय जब भी मैं दिल्ली अटल जी से मिलने जाता था तो अटल जी ने मुझे पी.एम.ओ. कार्यालय में ऐनी टाइम अपाइंटमैंट का कोड दे रखा था जिसके चलते मैं कभी भी बड़ी आसानी से उनसे मिल लेता था। उन्होंने कहा कि अटल जी के इसी स्नेह से हिमाचल को करोड़ों रुपए की आर्थिक मदद भी मिली थी।

अटल जी को गुरु जी बुलाते थे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहमा राव 
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी को पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंहमा राव अपना गुरु मानते थे और चंद्रशेखर विपक्ष में होने के बावजूद अपना दोस्त मानते थे। उन्होंने कहा कि यह तय करना मुश्किल था कि अटल जी कवि थे, राजनेता थे, पत्रकार थे या फिर विचारक थे। उन्होंने कहा कि अटल जी के शब्दों को समझना बहुत मुश्किल था। वह हर बड़ी बात को यहां तक कि अपने विपक्षी पार्टियों के लोगों को भी बड़ी ही सरलता और कवि के अंदाज में सटीक बात कहकर समझाते थे। 

Vijay