एक साल बाद आधी कीमत पर मिलेगा विदेशी सेब का पौधा

Monday, May 29, 2017 - 05:47 PM (IST)

धर्मशाला : एक साल पहले चम्बा में लगाए गए सेब के पौधों ने फल देना शुरू कर दिया है। अब उक्त पौधों की कलमों से पौधे तैयार किए जाएंगे। इन पौधों को फिर प्रदेशभर के बागवानों में बांटा जाएगा। हालांकि उसके बाद उक्त पौधों की कीमत में गिरावट होगी। जानकारी के अनुसार एक साल पहले विश्व बैंक की एक परियोजना एच.पी. हॉर्टीकल्चर डिवैल्पमैंट प्रोजैक्ट के तहत विदेशी सेब पी.सी.डी.ओ. नेहला (चम्बा) में लगाए गए थे। अब उक्त पौधों ने फल देना शुरू कर दिया है, वहीं इन पौधों की कलमों से अब पौधे बनाने का कार्य शुरू होगा जिस पर लगभग एक साल का समय लगेगा। एक साल के बाद उक्त विदेशी पौधों को बागवानों में बांटा जाएगा। 



 सेब के पौधों की किस्मों में जिरोमाइन व रेडफूजी आदि शामिल हैं
उक्त सेब के पौधों की किस्मों में जिरोमाइन व रेडफूजी आदि शामिल हैं। अभी बागवानों को उक्त पौधे महंगी दरों पर मिल रहे हैं क्योंकि ये पौधे विदेशों से आयात किए जा रहे हैं। एक पौधे की कीमत लगभग 300 रुपए है। एक साल के बाद जब कलमों से पौधों का निर्माण होगा तो ये पौधे हिमाचल में तैयार हो जाएंगे जिससे बागवानों को एक पौधा लगभग 150 रुपए में मिलेगा। हालांकि इस साल भी विदेशी प्रजाति के सेब के पौधे मंगवाए जाएंगे। एक साल के उपरांत जब हिमाचल में ही यह विदेशी सेब प्रजाति का पौधा बंटेगा तो स्वाभाविक है कि विदेश से सेब के पौधों के आयात में कमी आएगी।



एक साल पहले विदेशी सेब के पौधे पी.सी.डी.ओ. नेहला में लगाए थे। अब ये पौधे फल दे रहे हैं। एक साल के भीतर उक्त पौधों की कलमों से और पौधे तैयार किए जाएंगे ताकि बागवानों में बांटे जा सकें। हिमाचल में तैयार होने से उक्त पौधों की कीमत में भी कमी आएगी।
एम.एस. राणा, अतिरिक्त निदेशक, उद्यान विभाग धर्मशाला