धर्मशाला उपचुनाव: बागियों को मनाने में जुटी भाजपा-कांग्रेस

Wednesday, Oct 02, 2019 - 10:26 AM (IST)

धर्मशाला (सौरभ): मोदी की लोकप्रियता के सहारे चुनावी वैतरणी पार होने के प्रति आश्वस्त भाजपा और नए जोश के साथ चुनावी रण में उतरी कांग्रेस ने धर्मशाला उपचुनाव में नए चेहरे उतार कर जोर-शोर से प्रचार आरंभ कर दिया है, लेकिन चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे बागियों ने दोनों दलों के समक्ष चुनौती पेश कर दी है। दोनों दलों के नेताओं ने मंगलवार को बागी प्रत्याशियों से संपर्क साध कर उन्हें मनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं परंतु इन प्रयासों में कितनी सफलता मिलती है, यह 3 अक्तूबर को नामांकन वापसी के दिन ही पता चल पाएगा। सोमवार को नामांकन पत्र भरने के बाद दोनों दलों के पॉलीटिकलमैगा शो के बीच धर्मशाला की सड़कों पर गूंजे जातीय नारों ने उपचुनाव में वोटरों के ध्रुवीकरण के संकेत भी दे दिए हैं।  

भाजपा ने जिस ओ.बी.सी. वोट बैंक में पकड़ मजबूत करने के लिए कभी कांग्रेसी रहे पद्दर पंचायत के उपप्रधान राकेश चौधरी को भगवा पटका पहनाया था, आज वही टिकट न मिलने पर बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतर कर पार्टी को चुनौती पेश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस के लिए भी स्थिति भिन्न नहीं है। सुधीर शर्मा के चुनाव मैदान से हटने के बाद धर्मशाला में उनकी बनाई ‘नई कांग्रेस’ के कई सिपाही नामांकन के मौके से गायब दिखे। वहीं, बरसों से पार्टी में अनदेखी झेल रहे पूर्व विधायक स्व. मूलराज पाधा के परिवार से उनके छोटे पुत्र पुनीश पाधा ने निर्दलीय नामांकन भरकर कांग्रेस की परेशानी बढ़ा दी है। दोनों ही दलों में टिकट कटने से नाराज नेताओं ने पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बना ली है। 

कांग्रेस के समक्ष चुनौतियां

कांग्रेस ने बेशक लंबे अरसे के बाद धर्मशाला से गद्दी समुदाय का प्रत्याशी उतारकर सतारूढ़ भाजपा को उसी के अंदाज में चुनौती देने का प्रयास किया है, लेकिन अंदरूनी गुटबाजी में उलझे संगठन को एकजुटता के सूत्र में पिरोना शीर्ष नेताओं के लिए आसान नहीं है। पूर्व विधायक के पुत्र के बागी तेवरों के साथ ही टिकट के अन्य दावेदारों की नाराजगी भी विपक्षी दल के लिए चिंता का सबब है। 

भाजपा के बागियों पर कांग्रेस की नजर 

धर्मशाला उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने नई व्यूह रचना तैयार की है। सियासी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की नजर भाजपा के बागियों पर है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के एक आला नेता ने अपने दूतों की मार्फत टिकट न मिलने से अंदरखाते नाराज चल कुछ भाजपा नेताओं से संपर्क साधा है। कांग्रेस की नजर धर्मशाला में भाजपा की कमजोर कडिय़ों पर है। क्योंकि जिस तरह से अंतिम समय में टिकट का निर्णय लिया गया ए उससे भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता भी खुश नहीं हैं। विपक्षी पार्टी उपचुनाव के दौरान भाजपा में चल रही रार का लाभ उठाने की फिराक में है।

टिकट से वंचित उमेश  दत्त का झलका दर्द

धर्मशाला में टिकट के प्रबल दावेदारों में से एक रहे युवा भाजपा नेता उमेश दत्त ने आखिरकार अपना दर्द बयां कर ही दिया। उमेश ने कहा कि उन्होंने 2017 में पार्टी से टिकट नहीं मांगा था, लेकिन आलाकमान ने ही उनका नाम आगे किया था। पार्टी ने उस समय अंतिम समय में उनका नाम ड्रॉप किया लेकिन उन्होंने पार्टी के सच्चे सिपाही के नाते इसे स्वीकार किया था। इस बार बड़े नेताओं ने उन्हें सकारात्मक संकेत दिए थे, लेकिन ऐन मौके पर उनकी अनदेखी करना समझ से परे है। ऐसे में वह प्रचार से दूर ही रहेंगे। 

चुनाव मैदान में डटा रहूंगा : पुनीश

पूर्व विधायक स्व. मूलराज पाधा के पुत्र पुनीश पाधा ने कहा कि वह न तो कांग्रेस में थे और न ही उनका किसी अन्य दल से वास्ता है। कांग्रेस ने कभी भी उनके परिवार को तवज्जो नहीं दी। वह आम लोगों के समर्थन से उपचुनाव में उतरे हैं। अब जाकर कांग्रेस को उनकी याद आई है लेकिन वह किसी के भी कहने पर चुनाव मैदान से पीछे नहीं हटेंगे।

नाम वापस लेने का सवाल ही नहीं : राकेश चौधरी

आजाद उम्मीदवार राकेश कुमार चौधरी ने कहा कि भाजपा ने ओ.बी.सी. वर्ग का उम्मीदवार उतारने की मांग ठुकरा कर इस वर्ग से अन्याय किया है। वह भाजपा के ही कार्यकत्र्ता हैं लेकिन अपने समर्थकों के विश्वास को कभी भी नहीं तोड़ेंगे। चाहे जो हो जाए, नामांकन वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है।  

Ekta