DGP एस.आर. मरड़ी बोले-कानून के दायरे में चरस तस्करी में कोई छूट नहीं

Thursday, Nov 15, 2018 - 05:41 PM (IST)

चम्बा: हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले के दौरे पर हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरड़ी से राज्य से लेकर जिला चम्बा संबंधी अपराध, आपराधिक गतिविधियों व उनके रोकथाम सहित विभागीय स्टाफ के कुछ मुद्दों पर उठाए जा रहे विभागीय कदमों को लेकर विशेष साक्षात्कार लिया गया। प्रस्तुत है साक्षात्कार के कुछ अंश :-

सरकार भांग की खेती को उगाने को वैद्य घोषित करने की योजना के बारे में क्या कहेगी?
सरकार द्वारा जनहित को देखकर ही योजना को बनाया व चलाया जाता है। कनाडा व अन्य कुछ देशों में भांग से बनने वाली औषधियों के अध्ययन पर राज्य सरकार इस पर लाइसैंस जारी कर खेती की छूट देने की योजना तैयार कर रही है लेकिन अभी कानून के दायरे में चरस तस्करी में कोई छूट नहीं है। सरकार व कानून दोनों अपना-अपना कार्य कर रहे हैं।

राज्य में आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए पुलिस क्या-क्या कदम उठा रही है?
देश के अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल प्रदेश में अपराध व आपराधिक गतिविधियां इतनी सक्रिय नहीं हैं। इसके बावजूद भी घटित होने वाले मामलों से निपटने के लिए पुलिस एकदम सक्षम है और सक्रिय भूमिका निर्वाह कर रही है।

राज्य में नशे के कारोबार में बेहद वृद्धि हो रही है जिसमें चरस के बाद अब हैरोइन नशा भी सामने आने पर क्या कहेंगे?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि राज्य में हैरोइन से जुड़े मामले पकड़े गए हैं। राज्य में पकड़ी गई कुल सवा 4 क्विंटल चरस में से 91 कि.ग्रा. चरस केवल चम्बा जिला से ही पकड़ी गई। इससे यह नहीं कहा जा सकता कि पुलिस की ढील से मामले बढ़ रहे हैं बल्कि यह समस्त मामले पुलिस की सतर्कता से ही उजागर होने सहित आरोपी पकड़े गए हैं।

नशे की रोकथाम के लिए क्या योजना या अभियान चलाए जा रहे हैं?
राज्यभर में नशे की रोकथाम के लिए हर जिला में विशेष दस्ते गठित करने सहित जागरूकता अभियान जहां चलाए जा रहे हैं। हर थाना में नशा सुधार समितियों का गठन किया गया है।

जिला कांगड़ा के इंदौरा में नशे का गढ़ बन रहा तथा महिला तक नशे के अवैध व्यापार में उतर चुकी हैं इस बारे में क्या कहते हैं?
जिला कांगड़ा में नशे का अवैध कारोबार बढऩे व चिट्टे नशे के मामले प्रकाश में आने पर यहां डी.आई.जी. धर्मशाला को विशेष निर्देश देकर भेजा गया है जबकि पंजाब पुलिस से भी इंटर राज्य मामले के तहत सहायता ली जा रही है, जहां तक रही महिलाओं की अवैध नशे के कारोबार से जुड़े होने की बात तो पुलिस इस दिशा में जांच करेगी जबकि नशे से जुड़े अभियानों को शिक्षण संस्थान में शुरू किया जा रहा है ताकि यहां नशे से जुड़े लोगों व बच्चों की धारणा बदली जा सके।

खाखी वर्दी के रंग बदलने के प्रस्ताव पर विभाग क्या विचार कर रहा है?
देश में खाखी रंग की अपनी एक अलग पहचान है, जिससे पूरे देश की पुलिस बराबर लगती है। अगर राज्य स्तर पर पुलिस की वर्दी का रंग बदला जाएगा तो इससे विभाग की बनी पहचान खोएगी जिसके चलते अभी फिलहाल कोई ऐसा विचार या प्रस्ताव मंजूर नहीं किया जा रहा जोकि पुलिस की पहचान ही जनता में बदल दे।

जे.बी.टी. शिक्षकों के बेसिक स्केल व पुलिस जवानों के स्केल में अंतर व जवानों की स्केल इजाफे मांग पर क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
इसमें कोई शक नहीं है कि सिविल विभागों में कार्यरत कई पदों पर आसीन कर्मियों से पुलिस जवान का बेसिक स्केल कम हो गया है जिसके लिए जवानों की मांग भी विभाग को प्राप्त हुई। इस पर विभाग विचार व रूपरेखा तैयार कर जल्द ही सरकार को जवानों का बेसिक स्केल बढ़ाने की सिफारिश की जाएगी।

जिला चम्बा में जनसंख्या की तुलना में मुट्ठीभर पुलिस स्टाफ व पदों को बढ़ाने की दिशा में विभाग क्या कहता है?
जिला चम्बा में पहले की तुलना में जनसंख्या में इजाफा हुआ है लेकिन इसके बावजूद भी जिला में कार्यरत स्टाफ हर मामले सहित चरस, शराब व अन्य कई मामलों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। जिला में पदों के अभाव को देखते हुए विभाग द्वारा जल्द ही कांस्टेबल के पदों की संख्या में इजाफा किया जाएगा।

Vijay