इस शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने रेणुका झील में लगाई श्रद्धा की डुबकी

Friday, Nov 23, 2018 - 03:04 PM (IST)

पांवटा साहिब (रोबिन) :देव पालकियों की विदाई के साथ ही अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी  मेला शुक्रवार को अधिकारिक तौर पर संपन्न होगा। मां-बेटे के मिलने के प्रतीक इस मेले में पूर्णिमा के शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाई। दरअसल सुबह 4 बजे से ही स्नान घाट पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया था। सूरज चढ़ते-चढ़ते हजारों श्रद्धालुओं ने रेणुका झील में श्रद्धा की डुबकी लगाई। बताया जा रहा है कि आज पूर्णिमा पर भगवान परशुराम माता श्री रेणुका से विदाई लेंगे। मेले की रिवायत अनुसार प्रदेश महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत भगवान परशुराम की पालकी को विदा करेंगे और इस तरह खट्टी मीठी यादों के साथ मां और पुत्र के इस पवित्र मिलन के मेले का समापन हो जाएगा।

जानिए कार्तिक माह की पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन को बेहद पवित्र माना जाता है, इस दिन सभी देवी-देवताओं को एकसाथ प्रसन्न कर सकते हैं। इस बार यह तिथि 23 नवंबर दिन यानी आज शुक्रवार को है। पूर्णिमा के दिन स्नान, हवन, दान, उपासना आदि का विशेष महत्व है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार धारण किया था। मान्यता है कि इस दिन तीर्थ में स्नान और दीप दान करने से कई यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है।

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