देव आदि ब्रह्मा मंडी को दे गए सुरक्षा कवच, जानिए क्या है रोचक कहानी (Watch Video)

Monday, Mar 11, 2019 - 04:41 PM (IST)

मंडी (नीरज): अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने के लिए आने वाले देवी-देवताओं का अपना-अपना इतिहास और मान्यताएं हैं। इन्हीं में से एक देवता ऐसे भी हैं जो हर वर्ष शिवरात्रि के समापन पर मंडी शहर को सुरक्षा कवच देकर जाते हैं। यह हैं देव आदि ब्रह्मा। देव आदि ब्रह्मा का मूल स्थान मंडी जिला के इलाका उत्तरशाल के टिहरी गांव में है। देवता के कारदार झाबे राम बताते हैं कि वर्षों पूर्व जब राजाओं के राज थे तो उस वक्त मंडी शहर पर बुरी आत्माओं का प्रभाव बढ़ने लगा और लोगों को कई प्रकार की बीमारियां घेरने लगी।

ऐसे में राजा ने अपनी रियासत के सभी देवी-देवताओं से इसका उपाय करने की गुहार लगाई। अधिकतर ने इनकार कर दिया लेकिन देव आदि ब्रह्मा ने इस कार्य को करने की हामी भरी। देव आदि ब्रह्मा ने उस वक्त पूरे मंडी शहर की परिक्रमा की और शहर को बूरी शक्तियों तथा बीमारियों से मुक्ति दिलाई। तब से लेकर आज तक यह परंपरा इसी प्रकार से निभाई जाती है। महोत्सव के समापन से पहले देव आदि ब्रह्मा के रथ को पूरे शहर में घुमाया जाता है। जब देवता का रथ परिक्रमा के लिए निकलता है तो अभिमंत्रित किया हुआ आटा हवा में फैंका जाता है। मान्यता है कि इससे बूरी शक्तियों का नाश होता है।

इस देव परिक्रमा में हजारों की संख्या में लोग भाग लेते हैं। देव आदि ब्रह्मा के कारदार झाबे राम के अनुसार देवता की यह परिक्रमा सिर्फ दो ही स्थानों पर होती है जिसमें एक मंडी शहर और दूसरा स्थान पराशर है। देव आदि ब्रह्मा मंडी शहर को सुरक्षा कवच देने के बाद अपने मूल स्थान के लिए रवाना हो जाते हैं। यह लोगों की आस्था ही है कि वह देवता की इस परिक्रमा में भाग लेकर खुद को अपने शहर को सुरक्षित रखने की कामना करते हैं।

Ekta