परौर में डेरा ब्यास प्रमुख ने प्रवचनों से निहाल की संगत, बोले-हमें आडंबरों से बचना होगा

punjabkesari.in Sunday, Apr 10, 2022 - 09:04 PM (IST)

परौर (ब्यूरो/केपी पांजला): सत्संग भवन परौर में रविवार को लाखों की संगत पर एक दृष्टि के साथ डेरा ब्यास प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिलों महाराज ने कहा कि ईश्वर एक है और वह हमारे अंदर विद्यमान है। ईश्वर अल्ला एक है, एक है राम रहीम। सबका ही एक ही संदेश है प्रेम। महाराज बताते हैं कि हम अपने धर्म को समझते हैं लेकिन दूसरे के धर्म के बारे में नहीं जानते। यही वजह है कि आज हम दूसरे के धर्म से ज्यादा नफरत करते हैं जबकि सबका एक ही संदेश है प्रेम। मजहब भी नहीं सिखाता हमें एक-दूसरे से बैर रखना। हमने अपनी सुविधा के अनुसार उसे अपने नाम दिए हैं जबकि वो हम सबके अंदर विद्यमान हैं। जैसे मां अपने बच्चे का नाम अपने अनुसार रखती है ताकि उसका अपना वजूद हो, वैसे ही हमने उस ईश्वर के अलग-अलग नाम रख लिए हैं। गुरु को पाने के लिए अपने अंदर ईश्वर को समझना होगा। जैसे हम अपने बच्चे को शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजते हैं तो हम चाहते हैं कि वो शिक्षा ग्रहण करे, न कि शिक्षक की परिक्रमा करे। बच्चे का मकसद शिक्षा ग्रहण करना है। वैसे ही हमें आडंबरों से बचना होगा। महाराज ने कहा कि हम कैसे समझते हैं कि जिदंगी की पढाई ओर हिसाब किताब कोई दूसरा करके देगा। कदम तो हमें खुद उठाने हैं, जो नहीं करेगा वो कैसे समझ पाएगा। कोई आपके कर्म नहीं ले सकता। आपके कर्मों का फल आपको ही भोगना पड़ेगा। पुत्र के कर्म पिता नहीं ले सकता। इसी प्रकार आपके कर्म ठीक होंगे तो आप को मुक्ति मिलेगी। 
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सत्य के साथ वाले को ही कहते हैं सत्संगी 

महाराज बताते हैं कि आपके बोलने से आप सत्संगी नहीं हो जाएंगे। सत्संगी सत्य के साथ वाले को ही कहते हैं। हम दुनिया से छल कर सकते हैं लेकिन अपने गुरु से नहीं। उसको सब पता है। इसलिए अपने अंदर के मैल को साफ करो। जैसे कपड़े पर लगा दाग बार-बार धोने पर भी नहीं जाता। उसे हम फिर ललारी को देते हैं फिर वह उसे उसी रंग में रंग देता है जिससे दाग का पता ही नहीं चलता। गुरु महाराज कहते हैं कि अपने अंदर झांको। अपने अंदर के प्रकाश को देखो। ईश्वर ने जब हमें इंसानी चोला देकर भेजा है तो हमारा सब लिख दिया है लेकिन हम दुनिया में आकर भिखारी बन गए। हमें ये चाहिए, हमे वो चाहिए जबकि हमें जो हमारे पास उसके लिए उस परवरदिगार का शुक्रिया अदा करना चाहिए। आडंबरों में फंस कर हम ये कल्पना करते हैं कोई हमारी तरफ से मंत्र पढ़ेगा और आपको आराम मिलेगा। जैसे डॉक्टर की पर्ची केवल पढ़ने से रोग ठीक नहीं होगा उसी प्रकार आपको अच्छे कर्म करने हैं तभी गुरु आपके साथ होगा। जब भक्ति के नाम पर हम दूसरे को दुख देंगे। 

नशे के विरुद्ध संगत को किया जागरूक 

सत्संग शुरू करने से पहले सत्संग भवन में लाखों की संख्या में बैठी संगत को एलईडी के जरिए नशे के विरुद्ध जागरूक करने को लेकर लघु नाटिका दिखाई गई। नशे से उजडे़ हजारों परिवारों की कहानी को दर्शाती इस शॉर्ट फिल्म के जरिए संदेश दिया गया कि नशे को त्याग कर भक्ति में ध्यान लगाएं। साथ में लोगों को भी नशा छोड़ने के लिए जागरूक करें। 

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Content Writer

Vijay

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