हिमाचल के भाजपाई केंद्र में रच रहे साजिशें, प्रदेश की रोकी जा रही फंडिंग : मुकेश अग्निहोत्री

punjabkesari.in Saturday, Jun 03, 2023 - 11:19 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र/सरोज): डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार हिमाचल के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल और उत्तराखंड के लिए अलग-अलग पैमाना क्यों है? हिमाचल की विदेशी फंडिंग के लिए हिमाचल के लिए 2200 करोड़ सीमित कर दिया गया है जबकि उत्तराखंड के लिए यह लिमिट 10000 करोड़ रुपए है। आखिर ऐसा क्यों किया गया है। केंद्र सरकार वित्तीय कटौतियां कर हिमाचल सरकार को परेशान करने की नीति अपना रही है और इसमें हिमाचल भाजपा के नेता अहम रोल अदा कर रहे हैं। 

राज्य को लौटाया नहीं जा रहा एनपीएस का पैसा
भाजपाई प्रदेश सरकार के खिलाफ केंद्र में जाकर साजिशें रच रहे हैं। पूर्व शासनकाल के दौरान कर्ज की लिमिट जो 14500 करोड़ रुपए थी, उसे अब 9000 करोड़ रुपए कर दिया है। यह सबसे बड़ा गलत कदम है। देश राज्यों से चलता है। एनपीएस का पैसा भी राज्य को लौटाया नहीं जा रहा है। एनपीएस का पैसा इसलिए नहीं दिया जा रहा क्योंकि केंद्र सरकार के जो बड़े-बड़े धनाढ्य दोस्त हैं, यह पैसा उन दोस्तों की मदद में लगा हुआ है। इसलिए पैसा राज्य को नहीं दिया जा रहा है। अग्निहोत्री ने कहा कि हम अपने हक हर हाल में लेंगे। देश के 20 राज्यों में इस समय गैर-भाजपा सरकारें हैं। विभिन्न राज्यों में कांग्रेस दमखम से आने लगी है और आने वाले समय में पूरा परिदृश्य बदलेगा और कांग्रेस इस देश में मुख्य भूमिका निभाएगी। राज्य के हक और हुकूक की लड़ाई लड़ेंगे। यदि दिल्ली कूच करना पड़ेगा तो भी पीछे नहीं हटेंगे। चाहे मामला सीएम उठाएं या फिर पूरी कैबिनेट, वहां जाकर प्रदेश की लड़ाई लड़ेंगे। केंद्र सरकार द्वारा तंग करने के उद्देश्य से कभी दूसरे राज्यों को उकसाया जा रहा है तो कभी कंपनियों को भड़काया जा रहा है। ऊर्जा मंत्री के 2 पत्र इस तरफ इशारा करते हैं। पूरा हिमाचल केंद्र के इस रवैये को देख रहा है।  

गारंटियों को राजधर्म की तरह निभा रहे
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 76000 करोड़ रुपए का कर्ज इस प्रदेश पर है। हम अपने वायदों को भी पूरा कर रहे हैं और गारंटियों को राजधर्म की तरह निभा रहे हैं। इंदिरा गांधी ने इस राज्य को विशेष कैटेगरी का स्टेटस दिया था। पहले मुख्यमंत्री डाॅ. परमार ने सफल वकील के तौर पर हिमाचल की पैरवी की। उसके बाद वर्तमान हिमाचल को बनाने में वीरभद्र सिंह का योगदान रहा है। रुकावटें डालने की केंद्र की कोशिश हो सकती है लेकिन हम हिमाचल को कतई रुकने नहीं देंगे। शराब के ठेके 5 साल बाद नीलाम किए गए। पारदर्शिता बरती गई अन्यथा हर बार लाइसैंस रिन्यू किए जाते थे। इससे 500 करोड़ रुपए का लाभ राज्य को हुआ है।

ट्रांसपोर्टर कल्याण बोर्ड बनाने पर सरकार करेगी विचार 
सरकार द्वारा गुड्स टैक्स पर जुर्माना और ब्याज माफ करने के फैसले के चलते ऊना जिले की विभिन्न ट्रक यूनियनों द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ट्रांसपोर्टर कल्याण बोर्ड बनाने को लेकर विचार करेगी। मामला कैबिनेट में विस्तार से विमर्श के लिए पेश किया जाएगा, ताकि मामले पर उचित कार्रवाई अमल में लाकर बोर्ड स्थापित करने की दिशा में सरकार अग्रसर हो सके। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने सभी ट्रक यूनियनों से आग्रह किया कि ट्रक यूनियनों की कार्यप्रणाली को कम्प्यूटरीकृत किया जाए, ताकि ट्रक यूनियनों का कार्य पारदर्शी हो सके और अनियमितताओं पर लगाम लगाई जा सके। उन्होंने ट्रक यूनियन और ट्रक चालकों को आश्वासन दिया कि परिवहन विभाग के कार्यालयों को भ्रष्टाचार मुक्त किया जाएगा। इस संबंध में परिवहन विभाग के अधिकारियों को पहले ही हिदायत दे दी गई है। यदि परिवहन विभाग के किसी कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है तो मामले पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आगामी समय में इलैक्ट्रिक बस-ट्रक पर 50 फीसदी अनुदान सरकार की ओर से दिया जाएगा।

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Content Writer

Vijay

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