डेंगू के मच्छरों को कंट्रोल करने में विभाग नाकाम, ये हैं सरकारी आंकड़े

Friday, Oct 05, 2018 - 02:10 PM (IST)

 

मानपुरा: औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.एन. में मच्छरों के आगे स्वास्थ्य विभाग नतमस्तक है। डेंगू के मच्छर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं लेकिन इन मच्छरों को कंट्रोल करने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम साबित हो रहा है। हर रोज सरकारी कार्यालयों के अधिकारी, औद्योगिक व सामाजिक संस्थाओं के सदस्य हाथ में झाड़ू लेकर अखबारों में नजर आते हैं। अगर उन फोटो को गौर से देखें तो हाथ में झाड़ू व नजर कैमरे की तरफ होगी लेकिन जमीन पर गंदगी नहीं दिखेगी।

फोटो सैशन हुआ व झाड़ू किनारे रखकर ये लोग अपनी एयर कंडीशन गाडिय़ों में बैठकर निकल जाते हैं। क्षेत्र में हर तरफ गंदगी फैली हुई है जो मच्छरों को बुलावा दे रही है। क्षेत्र मेंसैंकड़ों लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं लेकिन विभाग ने क्षेत्र में मच्छरनाशक दवाइयों का छिड़काव करना जरूरी नहीं समझा। सी.एच.सी. बद्दी, ई.एस.आई.सी. अस्पताल काठा, डिस्पैंसरी भुड व नालागढ़ अस्पताल में जहां मरीजों की भरमार है, वहीं डाक्टरों की कमी है।

ये हैं सरकारी आंकड़े 
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक बी.बी.एन. में डेंगू के 301 मरीज आ चुके हैं। इनमें बद्दी -बरोटीवाला से 216 व नालागढ़ से 86 मरीज हैं। अगर धरातल पर नजर दौड़ाई जाए तो बी.बी.एन. में डेंगू के मरीजों की संख्या 1,000 से ज्यादा है। बी.बी.एन. के निजी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे हुए हैं।

बकरी का दूध आम आदमी की पहुंच से बाहर
डेंगू के लिए सबसे अधिक लाभदायक माना जाने वाला बकरी का दूध आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। डेंगू के मरीजों की बढ़ रही संख्या के चलते पहले तो यह दूध आसानी से मिलता ही नहीं व अगर मिलता है तो लोग इसके मनमर्जी के दाम मांगते हैं। बी.बी.एन. में 700 रुपए प्रति लीटर भी बकरी का दूध बिका है।

निजी अस्पतालों की मौज
क्षेत्र के निजी अस्पताल डेंगू के मरीजों से भरे हुए हैं। डेंगू से डरे मरीज सीधे निजी अस्पतालों की तरफ रुख करते हैं। यहां पर टैस्टों के नाम पर लंबी लिस्ट पकड़ा दी जाती है फिर प्लेटलेट्स कम होने के नाम पर मरीजों को भर्ती कर मोटा बिल बना दिया जाता है। 

 

kirti