हिमाचल के इस जिले में 7 साल बाद ''डेंगू'' की वापसी, 16 मामले आने से मचा हड़कंप, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
punjabkesari.in Wednesday, Oct 29, 2025 - 03:53 PM (IST)
बिलासपुर (बंशीधर): जिला मुख्यालय बिलासपुर में करीब 7 साल के लंबे अंतराल के बाद डेंगू ने एक बार फिर दस्तक दे दी है, जिससे शहरवासियों में दहशत का माहौल है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक डेंगू के 16 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इससे पहले वर्ष 2018 में शहर में डेंगू का प्रकोप फैला था। जानकारी के अनुसार शहर के वार्ड नंबर-एक, दो और तीन डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इनमें से वार्ड नंबर-दो में एक साथ 6 लाेग डेंगू से संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वे अभियान तेज कर दिया है और मरीजों को घर पर ही उपचार मुहैया कराया जा रहा है।
एक मौत पर संशय, विभाग ने किया इंकार
इसी बीच वार्ड नंबर-दो में एक व्यक्ति की मौत की खबर ने चिंता और बढ़ा दी है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि व्यक्ति की मौत डेंगू से नहीं हुई है, लेकिन यह पुष्टि की है कि मृतक का भाई डेंगू से पीड़ित है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि दत्त शर्मा ने बताया कि मृतक में डेंगू के लक्षण नहीं पाए गए थे।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने बुधवार को रौड़ा सैक्टर स्थित सिविल डिस्पैंसरी का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ चालान काटने के निर्देश दिए हैं। नगर परिषद को भी फॉगिंग और साफ-सफाई सुनिश्चित करने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें पिछले 15 दिनों से बुखार के रोगियों का सर्वे कर रही हैं और लोगों को अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने देने की सलाह दे रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लोगों की जागरूकता और सहयोग संक्रमण को रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
ये हैं डेंगू के लक्षण
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि दत्त शर्मा ने बताया कि डेंगू के मुख्य लक्षणों में 105 डिग्री तक तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी और शरीर पर लाल चकत्ते शामिल हैं।
बचाव के उपाय
डेंगू से बचाव के लिए अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर, टायर और पुरानी टंकियों को साफ रखें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का प्रयोग करें। बुखार होने पर केवल पैरासिटामोल लें। एस्पिरिन या इबुप्रोफेन से बचें क्योंकि यह रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकती हैं। लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं।

