कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय के बाहर जेओए आईटी के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

Friday, Aug 27, 2021 - 01:53 PM (IST)

हमीरपुर : कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कार्यालय के बाहर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) (पोस्टकोड 817) के अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को जमकर प्रदर्शन किया। दरअसल हाईकोर्ट के आदेशों के बाद इस पोस्ट कोड के तहत टाइपिंग टेस्ट देने के लिए हमीरपुर पहुंचे अभ्यर्थियों का टेस्ट चयन आयोग द्वारा नहीं लिया गया। जिसकी वजह से अभ्यर्थी काफी आक्रोशित थे। इन अभ्यर्थियों का तर्क था कि वह दूरदराज के जिलों से हमीरपुर में टेस्ट देने के लिए पहुंचे हैं। जब वह हमीरपुर में पहुंच चुके थे, तब उन्हें टेस्ट न लिए जाने की जानकारी कर्मचारी चयन आयोग की वेबसाइट पर डाली गई नोटिफिकेशन से मिली। अभ्यर्थियों का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेशों का वह भी सम्मान करते हैं, लेकिन जो अभ्यर्थी यहां पर पहुंच चुके थे उनका टेस्ट लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि हर जिले में इस तरह के स्किल टेस्ट सेंटर चयन आयोग को खोलने चाहिए, जिससे जिला स्तर पर ही अभ्यर्थियों को टेस्ट देने की सुविधा मिल सके। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि हजारों रुपए खर्च कर टेस्ट देने के लिए वे यहां पहुंचे थे।

सिरमौर से टाइपिंग टेस्ट देने के लिए हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय हमीरपुर में पहुंचे अनिल चैहान का कहना है कि सैकड़ों अभ्यर्थी जब हमीरपुर पहुंच चुके थे। तब उन्हें हाईकोर्ट के आदेशों की सूचना कर्मचारी चयन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से मिली। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई अभ्यर्थियों का टेस्ट लिया जा चुका है। ऐसे में जो अभ्यर्थी यहां पर पहुंच चुके थे। उनका टेस्ट लिया जाना चाहिए था। इसके अलावा हर जिला स्तर पर स्किल टेस्ट सेंटर भी खोले जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्किल टेस्ट देने के लिए अभ्यर्थियों को हजारों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। जबकि दस्तावेजों की जांच के लिए भी कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय में ही आना पड़ता है। इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि अभ्यर्थियों का समय और पैसों की बचत हो सके। शिमला निवासी अभिषेक का कहना है कि वह पिछले कल सुबह 9 बजे घर से निकले थे और शाम को जब हमीरपुर में पहुंचे, तब उन्हें जानकारी मिली कि अब उनका टाइपिंग टेस्ट नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि टेस्ट को स्थगित किया जाना था, तो कम से कम एक दिन का  समय तो दिया जाना चाहिए था, जो अभ्यर्थी कार्यालय में पहुंच चुके थे उनका टेस्ट लिया जाता, ताकि उनका समय व पैसे दोंनो बच जाते। अब उन्हें दोबारा चयन आयोग के चक्कर काटने पड़ेंगे।

 

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prashant sharma