दिल्ली ने एक साल से कम समय के भीतर खोए अपने 3 पूर्व मुख्यमंत्री

Wednesday, Aug 07, 2019 - 09:43 AM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। रात सवा 11 बजे के करीब उनका निधन हो गया। मंगलवार रात सुषमा स्वराज के निधन के साथ ही दिल्ली ने पिछले एक साल से कम समय के अंतराल में अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्री खो दिए हैं। 

सुषमा स्वराज 1977 में जब वह 25 साल की थीं, तब वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं। वह 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय मिले थे। जिसके बाद 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं। सुषमा स्वराज के नाम ही राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव प्राप्त था। इसके अलावा सुषमा स्वराज पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष की पहली महिला नेता थीं। स्वराज अक्टूबर से दिसंबर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था। बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं। सुषमा सात बार सांसद रह चुकी थीं।

शीला दीक्षित

वहीं, दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का इस साल जुलाई में हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया था। वे 81 साल की थीं। वे बीते कुछ समय से हृदय संबंधी रोगों के चलते गंभीर रूप से बीमार थीं। शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। लेकिन अगस्त, 2014 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। 2019 के आम चुनावों के वक्त शीला दीक्षित दिल्ली की प्रदेश अध्यक्ष रहीं। उन्होंने उत्तर-पूर्व दिल्ली से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन मनोज तिवारी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 

मदन लाल खुराना 

वर्ष 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे मदन लाल खुराना का निधन पिछले साल अक्टूबर में हो गया था। वह 82 वर्ष के थे। खुराना राजस्‍थान के राज्‍यपाल भी रहे थे। बीजेपी नेता 4 बार विधायक रहे। वह 2004 में राजस्‍थान के राज्‍यपाल भी बने। मदनलाल खुराना ने 2003 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद दिल्‍ली बीजेपी प्रमुख के पद से इस्‍तीफा दे दिया था। इस तरह दिल्ली ने एक साल से भी कम समय के अंतराल में अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को खो दिया।

Ekta