शांता बोले- नशे पर लगाम जरूरी, वर्ना देवभूमि को भी न कहना पड़ा जाए उड़ता हिमाचल

Tuesday, Jul 10, 2018 - 09:34 AM (IST)

पालमपुर (भृगु): भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद शांता कुमार ने विशेष भेंट वार्ता में कहा कि नशे का संकट अब अधिक गहरा गया है। सरकार व समाज को गंभीरता के साथ इस विषय पर कोई नीति बनानी होगी। पंजाब पूरी तरह से नशायुक्त हो गया है, जिस प्रदेश की पुलिस में लगभग 100 कर्मचारी नशे के व्यापार में पकड़े गए हों, बहुत से नेताओं पर उंगलियां उठी हों, उस प्रदेश में युवा पीढ़ी का भविष्य चिंताओं से भरा पड़ा है। पंजाब का पूरा प्रभाव हिमाचल में आ गया है। कभी कुल्लू, मनाली व मलाणा आदि नशे के केंद्र हुआ करते थे, परंतु अब और अधिक स्थान सक्रिय हो गए हैं। 


नशे के कारोबार में लगे अपराधी अधिक चतुर, योग्य लग रहे हैं, परंतु इसके मुकाबले में प्रशासन उतना सक्रिय नहीं है। स्थिति को अभी संभालना होगा, अन्यथा उड़ता पंजाब की भांति कही देवभूमि को भी उड़ता हिमाचल न कहना पड़ जाए। सांसद शांता कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार देश में पहली सरकार बने जो इस संबंध में आवश्यक कानून भी बनाए और स्कूलों में नैतिक शिक्षा को शिक्षा का अनिवार्य विषय भी बनाया जाए। प्रदेश के विपक्ष से भी मैं अपील करूंगा कि इस विषय पर उनका भी सहयोग व सुझाव मिलना चाहिए। नशे का कारोबार करने वाले समाज के बहुत बड़े शत्रु हैं, ऐसे लोगों की किसी भी प्रकार की सहायता अपराध ही नहीं, बल्कि पाप भी है।


इस संबंध में कानून कड़ा बने और कड़ाई से उसका पालन किया जाए, परंतु एक बात का ध्यान रखें कि कानून एक हत्यारे को फांसी पर तो लटका सकता है पर कानून किसी के मन में अच्छा काम करने की प्रेरणा पैदा नहीं कर सकता। यह कार्य योजनापूर्वक युवा पीढ़ी को अच्छे संस्कार देने से होगा। इस विषय पर सरकार विपक्ष, शिक्षाविदों से और विद्वानों से परामर्श करे तथा आवश्यकता हो तो इस संबंध में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी करे। कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा कर्मचारियों का डोप टैस्ट लेने का निर्णय पंजाब की परिस्थितियों में आवश्यक हो सकता है, इसे व्यावहारिकता में कितना लागू किया जा सकता है, कुछ नहीं कहा जा सकता है।

Ekta