एम्बुलैंस में Oxygen न मिलने से गर्भवती महिला की मौत, किसान सभा ने की जांच की मांग

Saturday, Jan 27, 2018 - 11:15 PM (IST)

शिमला: शिमला के साथ लगते क्षेत्र गांव कैंथाधाला की रहने वाली एक गर्भवती महिला की एम्बुलैंस में ऑक्सीजन न मिलने के कारण मौत होने का मामला सामने आया है। मृत महिला के पति जगदीश ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 2 बजे के करीब उसकी पत्नी सीता को प्रसव पीड़ा हुई तो उन्होंने तुरंत 102 एम्बुलैंस को फोन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि एम्बुलैंस 4.30 बजे के करीब चीनी बंगला पहुंची। एम्बुलैंस के देरी के आने की वजह से उनकी पत्नी की प्रसव पीड़ा ज्यादा गंभीर हो गई। जब गर्भवती महिला को एम्बुलैंस में बिठाया गया तो एम्बुलैंस में ऑक्सीजन की कमी के कारण महिला का दम घुटने लगा। 

ऑक्सीजन के लिए जगह-जगह मांगनी पड़ी मदद
एम्बुलैंस में स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ  ने ऑक्सीजन के लिए जगह-जगह (मशोबरा व कुफरी) मदद मांगी लेकिन कहीं पर भी मदद नहीं मिल पाई। गर्भवती महिला की हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उसे आई.जी.एम.सी. शिमला ले जाना पड़ा लेकिन एम्बुलैंस में मूलभूत सुविधा न मिल पाने के कारण महिला और उसके बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया। अगर एम्बुलैंस में गर्भवती महिला के लिए समय पर मूलभूत सुविधा होती तो शायद महिला और उसके बच्चे की जान बच जाती। 

कुफरी में ट्रैफिक जाम को भी बताया मौत का जिम्मेदार
मृत महिला के पति यह भी आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी की मौत का कारण कुफरी में लगा ट्रैफिक जाम भी है क्योंकि ट्रैफिक जाम के चलते भी एम्बुलैंस काफी लेट हो गई। इसके चलते एम्बुलैंस समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाई। उल्लेखनीय है कि दरभोग से केवल 3-4 किलोमीटर की दूरी पर कोटी में पी.एस.सी. सरकार द्वारा खोली गई है लेकिन वहां पर गर्भवती महिलाओं के लिए कोई सुविधाएं नहीं हैं। पी.एस.सी. की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि यहां पर लोगों का उपचार करना मुश्किल हो गया है। पी.एस.सी. में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है। 

सरकार से की उचित कार्रवाई की मांग 
किसान सभा ने इस दुर्घटना के लिए खेद जताया है। किसान सभा का कहना है कि यदि हिमाचल प्रदेश की राजधानी के निकट ही इस तरह की दुर्घटनाएं घट रही हों तो दूर-दराज के क्षेत्र जहां पर डाक्टर व स्वास्थ्य विभाग की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं, वहां पर आम जनता स्वास्थ्य विभाग से क्या उम्मीद करती होगी। किसान सभा ने सरकार से मामले की उचित कार्रवाई करने की मांग की है, वहीं हिमाचल किसान सभा क्षेत्रीय कमेटी सरकार व विभाग से मांग करती है कि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए इस तरह की व्यवस्था की जाए की कुफरी में जाम न लग पाए। एम्बुलैंस में ही मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था तुरंत की जाए। साथ ही मांग करती है कि इस दुर्घटना की जांच की जाए। 

एम्बुलैंस में थी आक्सीजन की पूरी सुविधा
102 एंबुलैंस के प्रोग्रामर मैनेजर आकाश ने बताया कि गर्भवती सीता देवी की मौत होने का मामला हमारे पास आया है। जब सीता देवी को गाड़ी में बिठाया गया तो एम्बुलैंस में आक्सीजन की पूरी सुविधा दी गई थी। सीता को ऑक्सीजन ओ-टू दिया गया और 10 लिटर प्रत्येक मिनट ऑक्सीजन दिया गया है। महिला का बी.पी. 110/7 था। यह 28 किलोमीटर दूरी का केस था। इस दूरी पर एक घंटे से थोड़ा ज्यादा समय लगा है। एम्बुलैंस की तरफ से कोई कोताही नहीं बरती गई है। यहां तक कुफरी में ट्रैफिक जाम भी लगा था।