DC बिलासपुर ने हाईकोर्ट में दायर किया शपथ पत्र, पढ़िए क्या है मामला

Thursday, Oct 05, 2017 - 01:04 AM (IST)

शिमला: पार्वती कोल डैम ट्रांसमिशन कंपनी के खिलाफ  बरती गई कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में जिलाधीश बिलासपुर ने अपना शपथ पत्र हाईकोर्ट के समक्ष दायर किया। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान जिलाधीश को आदेश दिए थे कि वह उनके समक्ष जांच कमेटी द्वारा सौंपी रिपोर्ट की एवज में जो भी कदम उठाए गए हैं, उसकी जानकारी हाईकोर्ट को 4 सप्ताह के भीतर शपथ पत्र के माध्यम से दें। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने जिलाधीश बिलासपुर द्वारा दायर शपथ पत्र का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया कि 20 जनवरी, 2015 को उन्हें शिकायत मिलने के पश्चात एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें एस.डी.एम. सदर, जिलाध्यक्ष बिलासपुर, वन मंडलाधिकारी बिलासपुर और उप पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था। उन्हें ये आदेश दिए गए थे कि वे 20 दिनों के भीतर जांच कर उन्हें रिपोर्ट सौंपें।

क्षतिपूर्ति हर्जाना देने का किया गया था आग्रह
कोर्ट ने पाया कि 30 मार्च, 2015 को पारित आदेशों के मुताबिक सहायक वन अरण्यपाल बिलासपुर को भी इस कमेटी में बतौर सदस्य शामिल किया था। कमेटी ने अपनी ज्वाइंट रिपोर्ट एस.डी.एम. सदर के माध्यम से 28 अक्तूबर, 2015 को सौंप दी थी। तत्कालीन जिलाधीश ने रिपोर्ट का अवलोकन करने के पश्चात इसे अतिरिक्त मुख्य सचिव वन व अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा को 29 दिसम्बर, 2015 को भेज दिया था। जिलाधीश बिलासपुर ने इन दोनों अधिकारियों से यह प्रार्थना की थी कि वे पार्वती कोल डैम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ  विद्युत अधिनियम 2003 और भारतीय टैलीग्राफ  अधिनियम 1885 का उल्लंघन करने पर उचित कार्रवाई अमल में लाएं। राजस्व, बागवानी, कृषि व वन विभाग द्वारा तय मापदंडों का उल्लंघन करने के लिए क्षतिपूर्ति हर्जाना देने के आदेश पारित करें। इसके अलावा मामला भारत सरकार के ध्यान में भी लाने की मांग की गई थी ताकि राष्ट्रीय स्तर के इस बड़े प्रोजैक्ट के लिए क्षतिपूर्ति हर्जाना दिए जाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके ।

कंपनी ने टावर लगाते समय स्थानीय लोगों को पहुंचाई क्षति
कोर्ट ने यह पाया कि पार्वती कोल डैम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने टावर लगाते समय स्थानीय लोगों को क्षति पहुंचाई और इलैक्ट्रिक एक्ट 2003 व इंडियन टैलीग्राफ  एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसी कारण जिलाधीश ने पार्वती कोल डैम ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ  एक्शन लेने की सिफारिश की थी। अब हाईकोर्ट ने यह जानना चाहता है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव वन व ऊर्जा ने कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ  क्या कार्रवाई अमल में लाई। इस बाबत हाईकोर्ट ने दोनों अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे अपना शपथ पत्र दायर कर न्यायालय को 3 सप्ताह के भीतर अवगत करवाएं। मामले पर सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी।